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क्या ट्रंप अमेरिका को निजी कंपनी की तरह चला रहे हैं?

इस लेख में हम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के प्रभावों का विश्लेषण करेंगे। क्या ट्रंप अमेरिका को एक निजी कंपनी की तरह चला रहे हैं? उनके वन बिग ब्यूटीफुल बिल और टैरिफ डिप्लोमेसी के परिणामों पर चर्चा की जाएगी। क्या अमेरिकी लोकतंत्र सुरक्षित है? जानें इस लेख में।
 

अमेरिका का लोकतंत्र और ट्रंप का शासन

पूरी दुनिया इस बात की खोज में है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की असली मंशा क्या है। अमेरिकी नागरिकों के मन में यह सवाल गूंज रहा है कि ट्रंप का अगला कदम क्या होगा और इसके परिणाम क्या होंगे। ट्रंप प्रशासन का वन बिग ब्यूटीफुल कानून अमेरिका की छवि को कैसे प्रभावित करेगा? अमेरिका एक ऐसे मोड़ पर है जहां उसकी वैश्विक नेतृत्व की छवि कमजोर होती जा रही है। संकटों के समाधान में अमेरिका की भूमिका अब नायक की नहीं, बल्कि खलनायक की बनती जा रही है। यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 4 जुलाई को हर अमेरिकी अपने लोकतंत्र पर गर्व करता है।


इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जब अमेरिका ने ब्रिटिश उपनिवेशवाद से आजादी प्राप्त की थी। अमेरिका ने कई देशों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया, लेकिन आज अमेरिकी लोकतंत्र पर सवाल उठ रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के स्तंभकार थॉमस एल. फ्रीडमैन का कहना है कि ट्रंप अमेरिका को अपनी निजी कंपनी की तरह चला रहे हैं। ऐसे में स्वतंत्रता का जश्न मनाते हुए, अधिकांश अमेरिकियों को यह चिंता सताने लगी है कि क्या उनका लोकतंत्र सुरक्षित है। क्या ट्रंप जैसे नेता की महत्वाकांक्षा और कूटनीति अमेरिकी लोकतंत्र की नींव को हिला सकती है? आज हम जानेंगे कि अमेरिका में आधुनिक लोकतंत्र की नींव कैसे पड़ी और यह कैसे विकसित हुआ।


ट्रंप का वन बिग ब्यूटीफुल बिल

डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति पद पर बने रहना 20 जनवरी, 2029 तक निश्चित है। ट्रंप अपने तरीके से अमेरिका का संचालन कर रहे हैं। उनका वन बिग ब्यूटीफुल बिल अब कानून बन चुका है, जिसे उन्होंने संसद के दोनों सदनों से पास कराया है। इसके लिए ट्रंप ने बिजनेस टायकून एलन मस्क के साथ अपने रिश्ते को भी दांव पर लगाया। दोनों के बीच की दरार इतनी बढ़ गई है कि अब चर्चा हो रही है कि क्या मस्क को अमेरिका से बाहर किया जाएगा। ट्रंप की कूटनीति में रिश्तों को अपनी शर्तों पर जोड़ना और तोड़ना शामिल है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, और रूस के खिलाफ यूक्रेन को समर्थन दिया।


वन बिग ब्यूटीफुल बिल के तहत कई नीतियों को कानूनी मान्यता मिली है, जिसमें प्रवासियों को वापस भेजना और सेना पर अधिक खर्च शामिल है। हालांकि, इस कानून के कारण अमेरिका के 1.2 करोड़ लोग बीमा से वंचित हो सकते हैं, और गरीबों की स्थिति और खराब होने की संभावना है। ट्रंप के इस कानून को उनके करीबी एलन मस्क ने विनाशकारी बताया है। ट्रंप के शासन में अमेरिकी नागरिकों को नौकरी जाने का डर सताने लगा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से मई के बीच 7 लाख लोगों की नौकरियां गईं।


टैरिफ डिप्लोमेसी और उसके प्रभाव

ट्रंप ने अपनी दूसरी पारी में टैरिफ डिप्लोमेसी के जरिए वैश्विक व्यापार में हलचल मचा दी है। उनका तर्क है कि जो देश जितना टैक्स वसूलता है, उससे उतनी ही इंपोर्ट ड्यूटी ली जाएगी। अमेरिका में सालाना 4 बिलियन डॉलर के सामान का इंपोर्ट होता है, जिसमें मेक्सिको, कनाडा और चीन का बड़ा हिस्सा है। ट्रंप ने भारी-भरकम टैरिफ का ऐलान कर कई देशों के साथ सौदेबाजी की है। भारत और अमेरिका के बीच भी ट्रेड डील पर बातचीत चल रही है।


ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिका में सरहद की दीवारें ऊंची की जा रही हैं। अवैध प्रवासियों को पकड़कर वापस भेजा जा रहा है। ट्रंप की कूटनीति ने अमेरिका के लोकतंत्र को पहले की तरह उदार और समावेशी नहीं रखा। उनके शासन में अमेरिका ने कई अंतरराष्ट्रीय संकटों में अपनी भूमिका को फिर से परिभाषित किया है।


ट्रंप और मस्क के बीच की दरार

जब अमेरिका अपना 249वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, तब एलन मस्क ने एक नई पार्टी बनाने का विचार प्रस्तुत किया। यह विचार ट्रंप के वन बिग ब्यूटीफुल बिल के खिलाफ उनकी आलोचना से प्रेरित था। ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने की धमकी दी। इस स्थिति में सवाल उठता है कि क्या अमेरिका में कोई तीसरा राजनीतिक विकल्प उभर सकता है?


अमेरिका में दो प्रमुख राजनीतिक दल हैं - रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी। हालांकि, कई अन्य पार्टियां भी हैं, लेकिन इन दोनों के मुकाबले में कोई भी पार्टी सफल नहीं हो पाई है। एलन मस्क के लिए फंड जुटाना आसान हो सकता है, लेकिन अमेरिकी राजनीतिक ताने-बाने में एक नया विकल्प खड़ा करना चुनौतीपूर्ण होगा।


अमेरिका का संविधान और लोकतंत्र

अमेरिका का संविधान 1787 में तैयार किया गया था, जिसमें नागरिकों की भागीदारी और राज्यों के अधिकारों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया। अमेरिकी क्रांति ने दुनिया को लोकतंत्र की नई राह दिखाई। अमेरिका ने हमेशा अलग राह पकड़ने में अपनी भलाई समझी। पहले विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने आर्थिक रूप से मजबूत होने का रास्ता चुना।


दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका ने कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमेरिका ने हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है, चाहे वह दूसरे देशों के लिए कितना भी नुकसानदायक क्यों न हो। आज अमेरिका की भूमिका वैश्विक राजनीति में एक नई दिशा में बढ़ रही है।