×

क्या ट्रंप के निर्णय क्वाड के भविष्य को प्रभावित करेंगे?

डोनाल्ड ट्रंप के निर्णयों ने क्वाड समूह के भविष्य को संकट में डाल दिया है। उनके द्वारा लगाए गए नए टैरिफ और भारत तथा जापान के खिलाफ की गई बयानबाजी ने इस गठबंधन की एकता को कमजोर किया है। इस लेख में हम ट्रंप की नीतियों के प्रभाव, बीजिंग की स्थिति, और भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में आए बदलावों का विश्लेषण करेंगे। क्या ये निर्णय क्वाड के भविष्य को प्रभावित करेंगे? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

क्वाड समूह के सदस्य और ट्रंप की नीतियों का प्रभाव


अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच क्वाड का भविष्य संकट में


डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में क्वाड समूह को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए गए थे। लेकिन अब, उनके दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में लिए गए निर्णयों ने इस समूह के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रंप द्वारा लागू की गई नई टैरिफ दरें और भारत तथा जापान के खिलाफ की गई बयानबाजी इसके प्रमुख कारण हैं।


क्वाड की स्थापना का उद्देश्य

क्वाड का गठन मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए किया गया था। इस समूह में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में इस गठबंधन को मजबूत किया, जबकि बाइडेन प्रशासन ने इसे आगे बढ़ाया। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन ने भारत और जापान पर सख्त कारोबारी टैरिफ लगाए हैं और अपमानजनक टिप्पणियाँ की हैं, जिससे इस गठबंधन की एकता और आपसी विश्वास को नुकसान पहुँचा है।


ट्रंप के निर्णयों का बीजिंग पर प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय बीजिंग के लिए एक रणनीतिक जीत साबित हो रहे हैं, क्योंकि अमेरिका ने अपने करीबी सहयोगियों को अपमानित किया है और उनमें अविश्वास पैदा किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप यह सब अपने घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं, लेकिन इसका असर अमेरिका की विदेश नीति और एशिया में उसकी स्थिति को कमजोर कर सकता है।


भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर असर

ट्रंप ने अप्रैल में भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जिसे उन्होंने 'रेसिप्रोकल टैरिफ' कहा। इसके बाद, भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया, जिससे भारतीय सामानों पर कुल अमेरिकी टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुँच गया। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच 25 वर्षों से मजबूत हो रहे संबंधों को प्रभावित कर रहा है।


भारत और अमेरिका के बीच समझौतों में रुकावट

ट्रंप की नीतियों और बयानों के कारण भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता ठंडे बस्ते में चली गई है। भारत ने अमेरिकी एफ-35 फाइटर जेट खरीदने से इनकार कर दिया है और कई रक्षा परियोजनाओं को रोकने के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही, भारत ने चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जिससे अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।