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क्या पाकिस्तान की परमाणु ताकत तुर्की की सैन्य शक्ति को मात दे सकती है?

इस लेख में हम पाकिस्तान और तुर्की की सैन्य शक्तियों की तुलना करेंगे। जानें कि कैसे पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार होने के बावजूद, तुर्की की नाटो सदस्यता और रक्षा बजट उसे सैन्य दृष्टि से अधिक मजबूत बनाते हैं। क्या पाकिस्तान की सैन्य ताकत तुर्की के मुकाबले में टिक पाएगी? इस लेख में इन दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं का गहराई से विश्लेषण किया गया है।
 

पाकिस्तान की परमाणु शक्ति और वैश्विक रैंकिंग

दुनिया के 50 से अधिक मुस्लिम देशों में, केवल पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं। इसके बावजूद, इसे सबसे शक्तिशाली मुस्लिम राष्ट्र नहीं माना जाता। ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग 2025 में पाकिस्तान को 12वां स्थान मिला है, जबकि तुर्की 9वें स्थान पर है।


हालांकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम हैं और इसकी जनसंख्या तुर्की से लगभग ढाई गुना अधिक है, फिर भी वह सैन्य ताकत के मामले में तुर्की से पीछे है। पाकिस्तान के पास सैनिकों की संख्या अधिक है, लेकिन यह केवल सैन्य शक्ति का एक पहलू है। तकनीकी क्षमताएं, बजट और सैन्य गठबंधन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


नाटो की सदस्यता से तुर्की की मजबूती

तुर्की की सबसे बड़ी ताकत उसकी नाटो सदस्यता है। इस सदस्यता के कारण, तुर्की को अमेरिका और यूरोप से अत्याधुनिक सैन्य तकनीक प्राप्त होती है। अमेरिका ने तुर्की में लगभग 50 परमाणु हथियार भी तैनात किए हैं। यदि तुर्की पर कोई हमला होता है, तो नाटो के सभी सदस्य देश उसकी रक्षा में शामिल हो सकते हैं, जिससे तुर्की एक सामरिक शक्ति बन जाता है।


रक्षा बजट में बड़ा अंतर

2024 में तुर्की का रक्षा बजट लगभग 3.36 लाख करोड़ रुपये था, जबकि पाकिस्तान का रक्षा बजट लगभग 85,680 करोड़ रुपये था। यह अंतर सीधे सैन्य तैयारी, हथियारों की खरीद और तकनीकी विकास में दिखाई देता है। तुर्की ने हाल के वर्षों में अपने रक्षा निर्माण उद्योग को तेजी से विकसित किया है और वह कई देशों को हथियारों का निर्यात भी कर रहा है।


हथियारों की खरीद में पाकिस्तान की बढ़ती रुचि

हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि पाकिस्तान अब तुर्की से हथियारों का बड़ा खरीदार बन गया है। भारत के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में मिली हार के बाद, पाकिस्तान तुर्की से ड्रोन, हेलिकॉप्टर और अन्य हथियार खरीदने की योजना बना रहा है। तुर्की का बायरकतार TB2 ड्रोन, यूक्रेन-रूस युद्ध में अपनी क्षमता साबित कर चुका है।


नौसेना में तुर्की की बढ़त

जहां पाकिस्तान की नौसेना सीमित क्षमताओं वाली है, वहीं तुर्की की नौसेना में 12 Reis-class पनडुब्बियां, 13 डिस्ट्रॉयर और 10 फ्रिगेट शामिल हैं। तुर्की युद्धपोतों का निर्माण भी करता है, जिससे उसकी समुद्री ताकत और भी मजबूत होती है।