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क्या पुतिन और ज़ेलेंस्की की मुलाकात संभव है? जानिए रूसी राष्ट्रपति का नया बयान

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की संभावना पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि पश्चिमी देश और यूक्रेन व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो संघर्ष का राजनीतिक समाधान संभव है। पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि ज़मीन हथियाने के लिए। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध में हो रही जनहानि पर निराशा जताई है। क्या यह संघर्ष जल्द समाप्त होगा? जानें पूरी जानकारी।
 

पुतिन का यूक्रेन युद्ध पर बयान

पुतिन बनाम ज़ेलेंस्की: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि वे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मिलने की संभावना को पूरी तरह से नकारते नहीं हैं, लेकिन यह भी सवाल उठाया कि क्या मौजूदा राजनीतिक और संवैधानिक स्थिति में ऐसी मुलाकात का कोई ठोस परिणाम निकलेगा। पुतिन ने यह भी संकेत दिया कि यदि यूक्रेन और पश्चिमी देश व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो संघर्ष का राजनीतिक समाधान संभव है। अन्यथा, रूस अपने लक्ष्यों को सैन्य कार्रवाई के माध्यम से प्राप्त करेगा।


पुतिन का ज़ेलेंस्की से मिलने का विचार

पुतिन का ज़ेलेंस्की से मिलने का विचार

पुतिन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ज़ेलेंस्की से मिलने के विचार को कभी खारिज नहीं किया, लेकिन सवाल यह है कि क्या बातचीत सार्थक साबित होगी। उनके अनुसार, वर्तमान में यूक्रेन का नेतृत्व संवैधानिक रूप से विवादित है और वह असाधारण परिस्थितियों का हवाला देकर सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रहा है। इसी कारण रूस को संदेह है कि वार्ता से वास्तविक प्रगति हो पाएगी.


संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए लड़ाई

ज़मीन हथियाने की नहीं है लड़ाई

रूसी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई ज़मीन हथियाने की नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं जो अपनी भाषा बोलना और अपनी संस्कृति का पालन करना चाहते हैं। यदि वे लोकतांत्रिक तरीके से रूस में शामिल होने का निर्णय लेते हैं, तो हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए.


नाटो विस्तार पर पुतिन की चिंता

सुरक्षा मुद्दों पर बात करते हुए पुतिन ने नाटो के विस्तार का विरोध दोहराया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की संभावित नाटो सदस्यता रूस की सुरक्षा के लिए एक सीधा खतरा है। उनके अनुसार, हर देश को अपनी सुरक्षा का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार किसी अन्य देश की कीमत पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस को यूक्रेन के आर्थिक फैसलों, जैसे यूरोपीय संघ से करीबी संबंध बनाने से कोई आपत्ति नहीं है.


ट्रंप की निराशा

ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध पर जताई निराशा

पुतिन का यह बयान उस समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर तीखी टिप्पणी की थी। ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध में लगातार हो रही जनहानि पर निराशा जताई और कहा कि वे राष्ट्रपति पुतिन से बेहद असंतुष्ट हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ऐसे कदम उठाएगा जिससे निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके.


युद्ध का भविष्य

फिलहाल, रूस-यूक्रेन युद्ध का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। पुतिन के इस बयान से स्पष्ट है कि जब तक पश्चिमी देश और कीव लचीला रवैया नहीं अपनाते तब तक संघर्ष का अंत निकट नहीं दिख रहा.