क्या भारत बनेगा इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक केंद्र? नितिन गडकरी की नई घोषणा
नितिन गडकरी का इलेक्ट्रिक वाहन बयान
Nitin Gadkari EV statement : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 6 अक्टूबर 2025 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की कीमतें अगले चार से छह महीनों में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बराबर हो सकती हैं। यह जानकारी उन्होंने FICCI उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन 2025 में दी, जहां उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के महत्व के साथ-साथ उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर भी चर्चा की।
ईंधन आयात पर भारी आर्थिक बोझ
ईंधन आयात पर 22 लाख करोड़ रुपये का बोझ
गडकरी ने बताया कि भारत अभी भी पेट्रोल और कोयले जैसे फॉसिल फ्यूल पर निर्भर है, जिसके लिए हर साल लगभग 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने इसे न केवल आर्थिक बोझ, बल्कि पर्यावरणीय खतरा भी बताया। उनके अनुसार, देश की प्रगति को टिकाऊ और समावेशी बनाने के लिए क्लीन एनर्जी को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
भारत का वाहन उद्योग
भारत बनेगा वाहन उद्योग में वैश्विक नेता
गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को वैश्विक स्तर पर वाहन उद्योग का नेता बनाना है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने परिवहन मंत्रालय का कार्यभार संभाला था, तब देश का वाहन उद्योग 14 लाख करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। उन्होंने अमेरिका, चीन और भारत के वाहन उद्योग के आकार की तुलना की, यह दर्शाते हुए कि भारत तेजी से इन देशों के बराबरी में आ रहा है।
किसानों की आय में वृद्धि
गडकरी ने किसानों द्वारा मक्के से एथेनॉल उत्पादन की सराहना की, जिससे उन्हें 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई है। यह न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, बल्कि हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा देता है।
स्किल डेवलपमेंट पर जोर
स्किल डेवलपमेंट पर गडकरी का फोकस
गडकरी ने उच्च शिक्षा और कौशल विकास की भूमिका को देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत की असली ताकत उसकी युवा, प्रतिभाशाली और कुशल जनशक्ति है, जिसे सही दिशा और संसाधनों के साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा सकता है।
शिक्षा में नवाचार की आवश्यकता
पाठ्यक्रमों में इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को शामिल करें
गडकरी ने उच्च शिक्षा संस्थानों से अपील की कि वे अपने पाठ्यक्रमों में इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को शामिल करें और छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि हम भविष्य की जरूरतों के अनुसार सोचें और शिक्षा प्रणाली को नवाचार के अनुकूल बनाएं।
भारत की ऊर्जा क्रांति
नितिन गडकरी के विचार न केवल भारत के ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में बदलाव की ओर इशारा करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि सरकार शिक्षा, नवाचार और युवाओं की क्षमता को केंद्र में रखकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। यदि इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होते हैं और क्लीन एनर्जी को अपनाने की गति तेज होती है, तो भारत जल्द ही वैश्विक स्तर पर एक नई ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर सकता है।