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क्या मोदी और ट्रंप की मुलाकात से बढ़ेगा भारत-अमेरिका संबंधों का स्तर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक की योजना बनाई जा रही है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच संबंध सकारात्मक बने हुए हैं, जबकि हाल की चुनौतियों के बावजूद सहयोग जारी है। इस बैठक में रूस से तेल खरीद और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की जाएगी। ट्रंप ने मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव भी चर्चा का विषय है। जानें इस बैठक के संभावित प्रभाव और भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा में क्या बदलाव आ सकता है।
 

भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण बैठक की तैयारी

US-India meeting: अमेरिकी विदेश विभाग के एक उच्च अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, इस बैठक की तारीख और अन्य विवरण अभी तय नहीं हुए हैं।


सकारात्मक संबंधों की पुष्टि

अधिकारी ने कहा कि हाल की चुनौतियों के बावजूद, भारत और अमेरिका के बीच संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने मोदी और ट्रंप के बीच के व्यक्तिगत संबंधों को भी बहुत सकारात्मक बताया। अधिकारी ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों नेताओं की मुलाकात होगी, क्योंकि उनके बीच अच्छे संबंध हैं।


रूसी ऊर्जा सहयोग पर चर्चा

संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान, 22 सितंबर, 2025 को न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच रूस से तेल खरीद और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा हुई। अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर गहन बातचीत हुई, लेकिन किसी विशेष प्रतिबद्धता का खुलासा नहीं किया गया। यह दर्शाता है कि दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों पर सहयोग कर रहे हैं।


ट्रंप का मोदी पर भरोसा

हाल के महीनों में, ट्रंप ने मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया और भारत-अमेरिका संबंधों को विशेष करार दिया। उन्होंने मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर फोन किया और उनके कार्यों की सराहना की। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी से फोन पर अच्छी बातचीत की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।


पिछली बैठक और व्यापारिक तनाव

मोदी और ट्रंप की पिछली मुलाकात फरवरी में हुई थी, जिसमें व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहयोग पर चर्चा की गई थी। हाल ही में, भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव तब बढ़ा जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया, जिसमें रूसी तेल पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और नए एच-1बी वीज़ा शुल्क शामिल हैं। इन कदमों का असर भारतीय आईटी पेशेवरों और स्टार्टअप पर पड़ा है।