क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में आएगा बदलाव? ट्रंप की चेतावनी और रूस का नया रुख
रूस-यूक्रेन संघर्ष का चौथा वर्ष
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। फरवरी 2022 में शुरू हुए इस संघर्ष में लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। हालांकि, विश्व के कई देश युद्धविराम की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
ट्रंप का रूस को अल्टीमेटम
हाल ही में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 50 दिनों का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि यदि रूस इस अवधि में युद्धविराम के लिए सहमत नहीं होता, तो अमेरिका उस पर और कड़े प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप की यह चेतावनी रूस के लिए गंभीर हो सकती है, क्योंकि पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों ने उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाया है।
रूस का नरम रुख, लेकिन शर्तों के साथ
ट्रंप की चेतावनी के बाद, रूस ने थोड़ी नरमी दिखाई है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति समझौते के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अपने 'रणनीतिक लक्ष्यों' से पीछे नहीं हटेंगे। इसका मतलब है कि रूस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अपनी शर्तों पर।
ट्रंप का दोहरा दृष्टिकोण
ट्रंप की नीति पर चर्चा हो रही है। उन्होंने एक ओर रूस को कड़ी चेतावनी दी है, वहीं दूसरी ओर शांति की उम्मीद भी जताई है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया ट्रंप के कठोर बयानों की आदी हो चुकी है, लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि वह शांति वार्ता का रास्ता खुला छोड़ रहे हैं। इसके साथ ही, ट्रंप ने यूक्रेन को फिर से सैन्य सहायता देने की घोषणा की है, जिसमें पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी शामिल है।
क्या युद्ध में आएगा मोड़?
इस बीच, रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर ड्रोन हमलों को तेज कर दिया है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, एक ही रात में रूस ने इतने ड्रोन छोड़े हैं, जितने पूरे 2024 के कुछ महीनों में नहीं छोड़े गए थे। दूसरी ओर, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी यह आरोप लगा रहे हैं कि रूस जानबूझकर शांति वार्ताओं को बाधित कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है—क्या पुतिन की बातचीत की पेशकश सच्ची है या यह केवल पश्चिमी दबाव को कम करने की रणनीति है?