क्या है महोदिया गांव की सच्चाई? पंचायत सीरीज के फुलेरा की असलियत पर उठे सवाल
महोदिया गांव की बदहाली
महोदिया गांव की स्थिति: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित महोदिया गांव, जिसे लोकप्रिय वेब सीरीज 'पंचायत' में फुलेरा के नाम से दर्शाया गया है, हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया है। बारिश के बाद गांव में जलभराव और कीचड़ की स्थिति का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। इस वीडियो में पंचायत भवन के आसपास कीचड़ और पानी से भरी सड़कों का दृश्य दिखाया गया है, जिससे यूजर्स मजेदार कमेंट्स कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
इस वायरल वीडियो में महोदिया गांव की पंचायत भवन की स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव और कीचड़ ने गांव की बदहाली को उजागर किया है। वीडियो में पानी की टंकी और पंचायत भवन के आसपास की स्थिति को देखकर यूजर्स मजाकिया अंदाज में कमेंट कर रहे हैं, जैसे कि "करो मीटिंग मीटिंग।"
पंचायत सीरीज का फुलेरा
बनराकस का किरदार: पंचायत वेब सीरीज में फुलेरा गांव को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का हिस्सा दिखाया गया है, जबकि इसकी असली शूटिंग मध्य प्रदेश के महोदिया गांव में हुई है। सीरीज में भूषण उर्फ बनराकस (दुर्गेश कुमार) का किरदार हाल के सीजन में प्रधान बनने के बाद चर्चा में रहा। वायरल वीडियो को देखकर यूजर्स तंज कसते हुए लिख रहे हैं, "प्रधान जी तभी हार गए, कोई विकास नहीं हुआ।"
गांव की स्थिति पर सवाल
महोदिया गांव, जिसे पंचायत ने फुलेरा के रूप में मशहूर किया, वहां की स्थिति वीडियो में साफ नजर आ रही है। शूटिंग खत्म होने के बाद पंचायत भवन पर ताला लटक रहा है, और आसपास की सड़कों पर कीचड़ और जलभराव है। सोशल मीडिया पर लोग इस स्थिति को देखकर न केवल मजे ले रहे हैं, बल्कि गांव के विकास पर भी सवाल उठा रहे हैं।
पंचायत की लोकप्रियता और वास्तविकता
ग्रामीण जीवन की सच्चाई: पंचायत वेब सीरीज ने अपनी सादगी और ग्रामीण जीवन से दर्शकों का दिल जीता है। जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव और दुर्गेश कुमार जैसे सितारों ने इस सीरीज को घर-घर तक पहुंचाया। लेकिन वायरल वीडियो ने एक कड़वी सच्चाई को उजागर किया है कि जिस गांव को स्क्रीन पर फुलेरा के रूप में दिखाया गया, वह असल जिंदगी में बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यह वीडियो न केवल पंचायत सीरीज के प्रशंसकों के लिए मजेदार कमेंट्स का मौका दे रहा है, बल्कि यह ग्रामीण भारत की उन चुनौतियों को भी सामने रखता है, जो विकास के दावों के बीच अभी भी कायम हैं।