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खालिस्तानी आतंकवादी हरप्रीत सिंह की भारत वापसी की प्रक्रिया शुरू

खालिस्तानी आतंकवादी हरप्रीत सिंह, जिसे 'हैप्पी पासिया' के नाम से भी जाना जाता है, की अमेरिका से भारत वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सिंह को अप्रैल 2025 में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था और अब उसे भारत लाने की तैयारी की जा रही है। वह पंजाब में कई आतंकवादी हमलों में वांछित है और उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ संबंध रखने का आरोप है। इस गिरफ्तारी को भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता मान रही है।
 

खालिस्तानी आतंकवादी की भारत वापसी

खालिस्तानी आतंकवादी: हरप्रीत सिंह, जिसे 'हैप्पी पासिया' के नाम से भी जाना जाता है, को अमेरिका से भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के अनुसार, सिंह को अप्रैल 2025 में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था और वह इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट की हिरासत में था। अब भारत की सुरक्षा एजेंसियों के अनुरोध पर उसे भारत लाया जा रहा है।


हरप्रीत सिंह की आपराधिक गतिविधियाँ

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हरप्रीत सिंह पंजाब के अमृतसर का निवासी है और उसे पंजाब में कम से कम 16 आतंकवादी हमलों में वांछित किया गया है। उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ संबंध रखने का आरोप है। इसके अलावा, उस पर भारत और अमेरिका दोनों में पुलिस स्टेशनों पर हमलों की साजिश रचने का भी आरोप है।


गिरफ्तारी की जानकारी

हरप्रीत सिंह को 18 अप्रैल 2025 को अमेरिका में एफबीआई और ICE की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया था। एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने इस गिरफ्तारी के बाद कहा था, "एफबीआई उन लोगों को पकड़ती है जो हिंसा करते हैं, चाहे वे कहीं भी हों। हमने एक विदेशी आतंकवादी को पकड़ा है जो अमेरिका और भारत में पुलिस स्टेशनों पर हमले की योजना बना रहा था।"


राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जनवरी 2025 में हरप्रीत सिंह पर ₹5 लाख का इनाम घोषित किया था। एजेंसी उसकी तलाश चंडीगढ़ में पिछले साल अक्टूबर में हुए एक हथगोला हमले के मामले में कर रही थी, जिसमें एक घर को निशाना बनाया गया था। जांच में यह सामने आया कि इस हमले की योजना हरप्रीत सिंह ने बनाई थी।


आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम

हरप्रीत को भारत लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और उसे जल्द ही एनआईए को सौंपा जाएगा। भारत सरकार इस गिरफ्तारी को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मान रही है। इस मामले में अमेरिका और भारत की एजेंसियों के बीच उच्च स्तरीय समन्वय देखने को मिला है, जो यह दर्शाता है कि दोनों देश खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ मिलकर सख्त कदम उठा रहे हैं।