गंगा-ब्रह्मपुत्र जलमार्ग पर परिवहन सेवा का विकास
गंगा-ब्रह्मपुत्र परिवहन सेवा
गंगा-ब्रह्मपुत्र परिवहन सेवा: भारत सरकार की नदियों के माध्यम से परिवहन को बढ़ावा देने की योजना अब वास्तविकता में बदलने लगी है। विशेष रूप से गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसे प्रमुख जलमार्गों पर अधोसंरचना विकास की गति में तेजी आई है। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 और जलमार्ग-2 के तहत इन परियोजनाओं में हाल के महीनों में निर्माण, ड्रेजिंग और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सरल शब्दों में कहें तो भारत का परिवहन तंत्र अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है।
निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि
सरकारी प्रयासों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ रही है। कुछ कंपनियां, जो पहले वित्तीय संकट का सामना कर चुकी थीं, अब इस क्षेत्र में पुनः सक्रिय हो रही हैं। मुंबई की धरती ड्रेजिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (DDIL) इसका एक उदाहरण है। पुनर्गठन के बाद, DDIL को गंगा और ब्रह्मपुत्र पर ड्रेजिंग के महत्वपूर्ण अनुबंध मिले हैं, जिनमें भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट और इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की योजनाएं शामिल हैं। कंपनी का अनुमान है कि वह वर्ष 2025–26 में 90 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर सकती है।
DDIL का पुनर्गठन
DDIL ने 2023 में गंभीर वित्तीय संकट का सामना किया था, लेकिन योगायतन ग्रुप द्वारा NCLT की मंजूरी से अधिग्रहण के बाद कंपनी ने पुनर्गठन किया और अब गंगा और ब्रह्मपुत्र पर ड्रेजिंग के महत्वपूर्ण अनुबंध प्राप्त किए हैं। कंपनी का अनुमान है कि वह वर्ष 2025-26 में ₹90 करोड़ का राजस्व अर्जित कर सकती है।
क्या होंगे लाभ?
यदि केंद्र सरकार की योजना के तहत ये प्रोजेक्ट सफल होते हैं, तो इसके कई लाभ हो सकते हैं। जैसे एक राज्य से दूसरे राज्य में सामानों का निर्यात और आयात करना आसान और किफायती हो जाएगा, जिसके लिए भारत अभी भी ट्रक और ट्रेन पर निर्भर है।
चुनौतियाँ और संभावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में जलमार्गों की पूरी क्षमता का उपयोग अभी तक नहीं हो पाया है। जल स्तर में परिवर्तन, परियोजनाओं में देरी और नीतिगत समन्वय की चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। सरकार ने अब तक 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है, लेकिन माल परिवहन में इनका योगदान बहुत सीमित है। फिर भी, निजी निवेश की वापसी और नई परियोजनाओं के आरंभ से यह संकेत मिलता है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र बड़ी संभावनाओं का द्वार खोल सकता है।