गन्ने के साथ सब्जियों की सह-फसली खेती: बढ़ाएं आय
गन्ने के बीच सब्जियों की खेती
गन्ने की फसल के बीच सब्जियों की खेती
नई दिल्ली: किसानों के लिए फसल से अच्छा लाभ कमाना आजकल एक कठिन कार्य बन गया है, खासकर जब महंगाई बढ़ रही है और भूमि सीमित है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार के गन्ना उत्पादकों को अपनी फसल के भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, और चीनी मिलों से भुगतान में अक्सर देरी होती है। इस समस्या का एक प्रभावी समाधान सह-फसली खेती है।
कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज पश्चिम चंपारण के प्रमुख डॉ. आरपी सिंह के अनुसार, किसान शरदकालीन गन्ने के साथ मटर जैसी सब्जियां उगाकर दोहरा लाभ कमा सकते हैं। अक्टूबर-नवंबर का समय गन्ना और मटर दोनों की बुवाई के लिए उपयुक्त है। इस मौसम में गन्ने का अंकुरण अच्छा होता है, लेकिन ठंड के कारण उसकी वृद्धि धीमी हो जाती है। इस समय का उपयोग करके किसान मटर की फसल ले सकते हैं और 50,000 से 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय कर सकते हैं।
गन्ने के साथ उगाने के लिए लाभकारी सब्जियां
गन्ने की दो कतारों के बीच आमतौर पर 90 सेंटीमीटर की जगह होती है, जहां किसान तीन से चार महीने में तैयार होने वाली सब्जियां उगा सकते हैं।
- आलू: गन्ने के बीच आलू की दो पंक्तियाँ लगाई जा सकती हैं। प्रति एकड़ 8 क्विंटल बीज से लगभग 100 क्विंटल आलू का उत्पादन संभव है, जिससे 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त आय होती है।
- प्याज और लहसुन: गन्ने के साथ प्याज की दो और लहसुन की तीन पंक्तियाँ लगाई जा सकती हैं, जिससे प्रति एकड़ 60,000 से 70,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है।
- फूलगोभी और पत्तागोभी: गन्ने के बीच एक पंक्ति में गोभी लगाकर प्रति एकड़ 100-110 क्विंटल की पैदावार ली जा सकती है।
- राजमा: राजमा की दो पंक्तियाँ लगाकर प्रति एकड़ 7 क्विंटल तक उत्पादन संभव है, जिससे 60,000 से 65,000 रुपये तक की अतिरिक्त आय हो सकती है।
- हरी मटर: गन्ने के खेत में हरी मटर की सह-फसली खेती करके किसान आसानी से अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए गन्ने की दो पंक्तियों के बीच मटर की तीन पंक्तियाँ लगानी होती हैं। इस विधि से एक एकड़ खेत में 60 से 70 दिनों में लगभग 25 से 30 क्विंटल मटर की फलियाँ तैयार हो जाती हैं। यदि बाजार में मटर का भाव 25 से 30 रुपये प्रति किलो भी मिलता है, तो किसान आसानी से 40,000 से 45,000 रुपये तक की सीधी आमदनी कर सकते हैं।
गन्ने में सह-फसली खेती के लिए उचित तकनीक
गन्ने के साथ सब्जियों की खेती के लिए नाली विधि और गड्ढा विधि सबसे प्रभावी मानी जाती हैं। इन विधियों में पौधों को पर्याप्त जगह और पोषण मिलता है। इसके अलावा, नर्सरी में गन्ने की पौध तैयार करके उसे खेत में लगाने की नई तकनीक भी सह-फसली खेती के लिए बहुत लाभकारी साबित हो रही है।
इस तकनीक को अपनाकर किसान न केवल गन्ने का उत्पादन बढ़ा सकते हैं, बल्कि सब्जियों से त्वरित मुनाफा कमाकर अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकते हैं।