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गरीब रथ कोच में बदलाव: नए एलएचबी कोच की शुरुआत

गरीब रथ एक्सप्रेस के पुराने आईसीएफ कोच को हटाकर नए एलएचबी कोच लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। यह बदलाव यात्रियों की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके प्रभाव के बारे में। क्या यह बदलाव यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा? पढ़ें पूरी जानकारी।
 

गरीब रथ कोच में बदलाव

Garib Rath Coach: Lalu के ट्रेन में बदलाव, अब आएंगे नए LHB कोच: गरीब रथ कोच के 2025 में समाप्त होने के निर्णय ने रेल यात्रियों में हलचल पैदा कर दी है। रेलवे बोर्ड ने सुरक्षा कारणों से गरीब रथ एक्सप्रेस के पुराने आईसीएफ कोच को हटाने का निर्णय लिया है।


इनकी जगह अब आधुनिक लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) एसी कोच लगाए जाएंगे। गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत 2006 में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में हुई थी, जो सस्ती वातानुकूलित यात्रा के लिए जानी जाती थी। लेकिन अब रखरखाव की समस्याओं ने इसकी स्थिति को बदल दिया है। आइए, इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके प्रभाव को समझते हैं।


गरीब रथ का इतिहास और शुरुआत


गरीब रथ एक्सप्रेस की शुरुआत 2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी। इसका उद्देश्य आम जनता को कम किराए में वातानुकूलित यात्रा की सुविधा प्रदान करना था। इस ट्रेन में 72 की जगह 80 सीटें थीं, जिससे अधिक यात्री सफर कर सकें।


इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में निर्मित ये कोच उस समय क्रांतिकारी थे। लेकिन अब इनका उत्पादन बंद हो चुका है। पुराने कोचों की मरम्मत में स्पेयर पार्ट्स की कमी और तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। इस कारण रेलवे ने इन्हें हटाने का निर्णय लिया है। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।


क्यों हो रहा है बदलाव?


रेलवे बोर्ड ने सुरक्षा और रखरखाव को ध्यान में रखते हुए सभी महाप्रबंधकों को आईसीएफ कोच हटाने का आदेश दिया है। इन कोचों के इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल हिस्सों की मरम्मत में कठिनाई हो रही थी। इसके विपरीत, एलएचबी कोच अधिक सुरक्षित, हल्के और टिकाऊ हैं।


रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में चार हजार नए एलएचबी कोच बनाने का लक्ष्य रखा है। यह बदलाव न केवल ट्रेनों की गति को बढ़ाएगा, बल्कि दुर्घटनाओं के जोखिम को भी कम करेगा। गरीब रथ के पुराने कोच अब इतिहास बनने जा रहे हैं, लेकिन नई तकनीक यात्रा को और बेहतर बनाएगी।


यात्रियों पर प्रभाव


एलएचबी कोच के जुड़ने से गरीब रथ के यात्रियों को अधिक आराम और सुरक्षा मिलेगी। हालांकि, किराए में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि एलएचबी कोच की लागत अधिक है।


फिर भी, रेलवे का ध्यान सस्ती और सुरक्षित यात्रा पर बना रहेगा। यह बदलाव उन यात्रियों के लिए फायदेमंद है जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। नए कोच अधिक स्थान और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेंगे। यह निर्णय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगा।