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गर्भवती महिलाओं के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान सावधानियाँ

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कई सावधानियाँ और उपाय बताए गए हैं। इस लेख में जानें कि कैसे गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय सुरक्षित रह सकती हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। विशेष नियमों का पालन करने से नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है।
 

चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए


चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सावधान रहना चाहिए


नई दिल्ली: भारतीय परंपरा में सूर्य और चंद्रमा पर लगने वाले ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान कई शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के समय खाना-पीना और पूजा करना अशुभ होता है।


इस मान्यता के चलते, ग्रहण लगते ही मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने तक पूजा नहीं की जाती। गर्भवती महिलाओं के लिए भी कुछ विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं।


महिलाओं के लिए नियम


  • हिंदू मान्यता के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करने से आंखों और गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

  • ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को खाने-पीने से बचना चाहिए। वे ग्रहण लगने से पहले उचित आहार ले सकती हैं, लेकिन विशेष परिस्थितियों में यह नियम लागू नहीं होता।

  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए और देवी-देवताओं का ध्यान करते हुए मंत्रों का जप करना चाहिए। मूर्तियों का स्पर्श करना मना है, लेकिन मंत्र जप से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।


चंद्रग्रहण के बाद स्नान करें


  • ग्रहण समाप्त होने पर गर्भवती महिलाओं को स्नान करने के बाद ईश्वर की पूजा करनी चाहिए और स्वस्थ संतान की कामना करनी चाहिए।

  • ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान करने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।

  • ग्रहण के बाद देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद जरूरतमंद को दान देना चाहिए। इससे ग्रहण के दोष दूर होते हैं।


नुकीली चीजों का प्रयोग न करें

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली और धारदार वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है।


अन्य उपाय

गर्भवती महिलाएं गाय के गोबर से पेट से कमर तक घेरा बना सकती हैं। यदि गाय का गोबर नहीं है, तो काजल का उपयोग करें। इसके अलावा, एक धागा सिर से पैर तक नापकर उसे लकड़ी या पेन में लपेटकर रख सकते हैं। ग्रहण के समय भजन करना और प्रभु का स्मरण करना पुण्य की प्राप्ति कराता है।