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गाज़ा संघर्ष में अमेरिका की भूमिका पर नया मोड़

पश्चिम एशिया में गाज़ा संघर्ष के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइल को सैन्य कार्रवाई तेज़ करने का समर्थन दिया है। उन्होंने हमास को वार्ता विफल करने का दोषी ठहराया और कहा कि अब इज़राइल को पूरी ताकत से आगे बढ़ना चाहिए। ट्रंप ने मानवीय सहायता के दुरुपयोग की चिंता भी जताई। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या है ट्रंप का नया रुख।
 

अमेरिका का समर्थन और हमास पर आरोप

पश्चिम एशिया में गाज़ा संघर्ष के संदर्भ में अमेरिका की भूमिका अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाज़ा में युद्धविराम वार्ताओं के विफल होने का ठीकरा हमास पर फोड़ते हुए इज़राइल को सैन्य कार्रवाई तेज़ करने का समर्थन दिया है। ट्रंप के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है और क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डालने की संभावना है।


ट्रंप ने वाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, "मुझे लगता है कि वे मरना चाहते हैं, और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने इज़राइल से अपील की कि वह अपनी सैन्य कार्रवाई को पूरी ताकत से आगे बढ़ाए और "काम को पूरा करे।"


इस सप्ताह अमेरिका ने दोहा, कतर में चल रही संघर्षविराम वार्ता से खुद को अलग कर लिया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि हमास के भीतर संगठनात्मक असहमति और पारदर्शिता की कमी ने वार्ता को असफल बना दिया।


राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा, "हमास सहयोग नहीं कर रहा था, और वार्ता ईमानदारी से नहीं हो रही थी। इसलिए हम अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।"


ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अब जबकि अधिकांश बंधकों को रिहा किया जा चुका है, हमास के पास बातचीत में भाग लेने के लिए कोई रणनीतिक प्रोत्साहन नहीं बचा है।


जब इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत के बारे में पूछा गया, तो ट्रंप ने इसे "कुछ हद तक निराशाजनक" बताया, लेकिन इज़राइल के सैन्य अभियान का समर्थन करते हुए कहा, "उन्हें सफाई करनी होगी, और उनसे छुटकारा पाना होगा।"


मानवीय सहायता पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने अब तक 6 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की है, जिसमें भोजन और अन्य आवश्यक चीजें शामिल हैं। उन्होंने चिंता जताई कि यह सहायता "लूट ली जाती है।"