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गाजा में इजरायल की अंतिम जंग की तैयारी, नागरिकों की युद्धविराम की मांग बढ़ी

गाजा में इजरायल की सेना ने हमास के खिलाफ अंतिम जंग की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि इजरायली नागरिक युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं, और बंधकों के परिवारों को चिंता है कि सैन्य कार्रवाई जारी रहने पर उनके प्रियजनों की जान को खतरा हो सकता है। इस बीच, गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति भी शुरू की जा रही है। जानें इस संघर्ष की ताजा स्थिति और नागरिकों की चिंताएं।
 

गाजा में युद्ध की स्थिति

तेल अवीव: गाजा में पिछले 22 महीनों से चल रहे संघर्ष के बीच, इजरायल में अब स्थिति बदलने लगी है। हजारों इजरायली नागरिक युद्धविराम की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं, जबकि इजरायली सेना (IDF) गाजा में हमास के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई की योजना बना रही है। इस योजना के तहत, घनी बस्तियों से फलस्तीनियों को दक्षिणी गाजा में स्थानांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है।


इजरायली सेना का कहना है कि हमास के बचे हुए लड़ाके आम नागरिकों के बीच छिपे हुए हैं, और उन्हें समाप्त करने के लिए इन क्षेत्रों में एक बड़ा ऑपरेशन आवश्यक है। इसलिए, ऑपरेशन से पहले नागरिकों को दक्षिणी गाजा के सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। हालांकि, फलस्तीनियों को इजरायली सेना के आश्वासनों पर भरोसा नहीं है। अतीत में, जब सेना ने किसी क्षेत्र को खाली करने का आदेश दिया, तो वहां अप्रत्याशित हमले हुए हैं। कई बार, लोगों के शिफ्ट होने के रास्तों पर भी बमबारी की गई। फिर भी, लगातार हमलों के डर से कई लोग दक्षिणी गाजा जाने के लिए मजबूर हैं।


इस बीच, गाजा में मानवीय सहायता के लिए जिम्मेदार इजरायली विभाग COGAT ने बताया है कि रविवार से राहत सामग्री और टेंट की आपूर्ति शुरू की जाएगी। इजरायल के रक्षा मंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि गाजा में हमास को हराने की अंतिम लड़ाई चल रही है।


हालांकि, इस संघर्ष से इजरायली नागरिक थक चुके हैं। तेल अवीव और अन्य शहरों में हजारों लोगों ने प्रदर्शन कर तत्काल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की मांग की है। बंधकों के परिवारों को चिंता है कि यदि सैन्य कार्रवाई जारी रही, तो हमास की कैद में बचे लगभग 20 बंधकों की जान को खतरा हो सकता है। हमास द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले बंधकों के वीडियो उनके परिवारों की बेचैनी को और बढ़ा देते हैं।


युद्ध की त्रासदी का एक और दुखद पहलू सामने आया है, जहां गाजा से इलाज के लिए इटली ले जाई गई 20 वर्षीय फलस्तीनी महिला की मृत्यु हो गई है। चिकित्सकों ने बताया कि युद्ध के दौरान वह "शारीरिक रूप से बेहद कमजोर" हो गई थी और उसे पीसा यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया।