गाजा में जारी संघर्ष और मानवीय संकट
गाजा पट्टी में चल रहे खूनी संघर्ष और मानवीय संकट का अंत होता नहीं दिख रहा है। हमास ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे इजरायल के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। 27 मई से अब तक इस भीषण संघर्ष में 750 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह लड़ाई गाजा को अंधकार में धकेल रही है, जहां हर दिन नई त्रासदियां सामने आ रही हैं।
संघर्ष का अंत नहीं
हमास के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि वे इजरायल के सामने हार नहीं मानेंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उनका यह रुख दर्शाता है कि गाजा में संघर्ष का सिलसिला अभी खत्म नहीं होगा। हमास का कहना है कि वे अपने लोगों और अपनी भूमि के लिए लड़ते रहेंगे। इस बयान ने शांति की उम्मीदों को और धुंधला कर दिया है, जिससे गाजा के लोग एक अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
बढ़ती मौतें और मानवीय संकट
संयुक्त राष्ट्र और स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 27 मई से अब तक 750 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। गाजा के अस्पतालों की स्थिति गंभीर है, दवाइयों की भारी कमी है, और पीने का साफ पानी भी दुर्लभ हो रहा है।
राहत सामग्री की स्थिति
लोग राहत सामग्री के लिए लंबी लाइनों में खड़े हैं, लेकिन ये स्थान अब मौत के जाल में बदल गए हैं। इजरायली हमलों ने कई बार राहत स्थलों को भी निशाना बनाया है, जिससे सहायता का इंतजार कर रहे लोग भी मारे जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी ने चेतावनी दी है कि गाजा में भुखमरी की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
युद्धविराम वार्ता ठप
युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर चल रही बातचीत भी फिलहाल अधर में लटकी हुई है। दोनों पक्ष अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं, जिससे गाजा के लोगों को राहत नहीं मिल रही है। राफा पर इजरायल के लगातार हमलों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं।