गाजा संघर्ष के समाधान के लिए ट्रंप का शांति योजना का पहला चरण लागू
गाजा में संघर्ष समाप्त करने की दिशा में कदम
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'पीस प्लान' के पहले चरण पर इजरायल और हमास ने सहमति जताई है, जिससे गाजा में संघर्ष समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस योजना के अनुसार, इजरायली डिफेंस फोर्स गाजा पट्टी से एक निश्चित दूरी पर वापस लौटेगी। इसके 72 घंटे बाद, हमास सभी बंधकों को रिहा करेगा। सीजफायर पर सहमति बनने के बाद, इसकी निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया जाएगा।
इजरायली मीडिया के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि गाजा में सीजफायर की निगरानी के लिए मध्य पूर्व में 200 सैनिकों की तैनाती की जाएगी।
अमेरिकी सेना की मध्य कमान के प्रमुख एडमिरल ब्रैड कूपर इस मिशन का नेतृत्व करेंगे। उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी निगरानी करना, निरीक्षण करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि समझौते का उल्लंघन न हो।
इस टीम में मिस्र, कतर, तुर्किए और संभवतः संयुक्त अरब अमीरात के सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी अमेरिकी सैनिक का गाजा में जाने का इरादा नहीं है।
इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात एक्स पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को बधाई दी और राष्ट्रपति ट्रंप की युद्ध रोकने की कोशिशों की सराहना की।
पीएम मोदी ने लिखा, “मैंने राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर बधाई देने के लिए अपने मित्र, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया। हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं। आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है।”
राष्ट्रपति ट्रंप की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी। व्यापार वार्ता में हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई। आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमति बनी।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया कि बातचीत के लिए अभी बहुत कुछ बाकी है और कहा कि लोग इस प्रक्रिया को लेकर उत्सुक हैं। हमास कुछ बिंदुओं पर सहमत हो गया है और मुझे लगता है कि यह अच्छी दिशा में बढ़ेगा।