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गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए ट्रंप का नया प्रस्ताव: क्या हमास सहमत होगा?

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों की वापसी की शर्त रखी गई है। इजरायल ने इस पर सहमति जताई है, लेकिन हमास की सहमति सबसे महत्वपूर्ण है। क्या हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा? जानें इस योजना की सभी महत्वपूर्ण बातें और संभावित चुनौतियाँ।
 

अंतरराष्ट्रीय समाचार

अंतरराष्ट्रीय समाचार: व्हाइट हाउस में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि हमास सहमत होता है, तो 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों को लौटाना होगा। इजरायल ने पहले ही इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। इस योजना के बाद दोनों पक्षों के बीच टकराव में कमी आने की संभावना है। बंधकों की वापसी इस प्रक्रिया का पहला कदम होगा, जबकि कैदियों की रिहाई दूसरी महत्वपूर्ण शर्त है। यह एक ऐतिहासिक समझौते की शुरुआत हो सकती है। नए नक्शे में गाजा और इजरायल के बीच एक बफर जोन का निर्माण किया गया है।


72 घंटे की समय सीमा

इस योजना के अनुसार, हमास को 72 घंटे के भीतर सभी जीवित बंधकों को छोड़ना होगा, साथ ही मृत बंधकों के शव भी लौटाने होंगे। यह शर्त समझौते का आधार है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि समय सीमा में कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह एक अल्टीमेटम की तरह है, जिसे पूरा करना हमास की जिम्मेदारी होगी। बंधकों की रिहाई के बदले इजरायल 250 हमास कैदियों को रिहा करेगा।


हमास की सहमति की आवश्यकता

इजरायल और अमेरिका दोनों इस योजना के लिए तैयार हैं, लेकिन हमास की सहमति सबसे महत्वपूर्ण है। यदि हमास इस प्रस्ताव को अस्वीकार करता है, तो पूरा प्लान रुक जाएगा। यह हमास के लिए एक राजनीतिक परीक्षा भी है, और जनता पर दबाव बढ़ेगा। हमास के नेता निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं, और उनका जवाब युद्ध के भविष्य को निर्धारित करेगा। ट्रंप ने योजना में कहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय टीम गाजा की स्थिति की निगरानी करेगी। यह टीम सहायता और निगरानी दोनों का कार्य करेगी। बफर जोन पर नजर रखी जाएगी और राहत सामग्री का वितरण भी इसी टीम के जिम्मे होगा।


चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं

हालांकि यह योजना सुनने में सरल लगती है, लेकिन इसे लागू करना कठिन है। 72 घंटे की समय सीमा चुनौतीपूर्ण है, और कैदियों की रिहाई पर भी विरोध हो सकता है। नक्शे का प्रभाव आम लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा। हमास के अंदरूनी मतभेद भी एक बाधा बन सकते हैं। फिर भी, लोगों में शांति की चाहत है, जो सबसे महत्वपूर्ण ताकत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने गाजा युद्ध को समाप्त करने की घोषणा की है, और यदि हमास सहमत होता है, तो सभी बंधकों की वापसी 72 घंटे में होगी।


नक्शे में बदलाव

गाजा-इजरायल सीमा पर एक बफर जोन का निर्माण किया जाएगा, जिसे कोई भी सैनिक या नागरिक पार नहीं कर सकेगा। नक्शे में तीन रंगों से सीमाएं दर्शाई गई हैं। हमास को जीवित और मृत सभी बंधकों को लौटाना होगा, जिसके लिए 72 घंटे की समय सीमा निर्धारित की गई है। इसे योजना की सबसे महत्वपूर्ण शर्त माना गया है। इजरायल 250 कैदियों को रिहा करेगा, जो शांति का संकेत है। हालांकि, इस निर्णय पर देश के भीतर विरोध हो सकता है।


हमास की सहमति की आवश्यकता

यदि हमास सहमत नहीं होता है, तो पूरा प्लान रुक जाएगा। उसका निर्णय युद्ध के भविष्य को निर्धारित करेगा। दुनिया की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। ट्रंप ने कहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी टीम बनाई जाएगी, जो गाजा में शांति और सहायता सुनिश्चित करेगी। बफर जोन पर भी इसका नियंत्रण होगा। हालांकि, योजना को लागू करना आसान नहीं होगा। समय सीमा, कैदियों की रिहाई और हमास की राजनीति बड़ी बाधाएं हैं, लेकिन उम्मीदें अभी भी जीवित हैं।