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गाजियाबाद फर्जी दूतावास मामले में हर्षवर्धन जैन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का खुलासा

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास मामले में यूपी एसटीएफ ने हर्षवर्धन जैन के चार देशों से संबंधों का खुलासा किया है। जांच में यह सामने आया है कि जैन ने कैमरून, दुबई, मॉरीशस और यूके की कंपनियों के माध्यम से दलाली और लोन फ्रॉड किया। तांत्रिक चंद्रास्वामी के माध्यम से जैन की मुलाकात अंतरराष्ट्रीय आर्म्स डीलरों से हुई थी। एसटीएफ ने जैन के बैंक खातों और संदिग्ध गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हो सकते हैं।
 

गाजियाबाद फर्जी दूतावास मामले में नया खुलासा

UP Ghaziabad Fake Embassy Case: गाजियाबाद में फर्जी दूतावास के मामले में यूपी एसटीएफ ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। जांच में यह सामने आया है कि आरोपी हर्षवर्धन जैन का एक नहीं, बल्कि चार देशों से संबंध है। हर्षवर्धन का नाम कैमरून (अफ्रीका), दुबई, मॉरीशस और यूके की कंपनियों में दलाली और लोन फ्रॉड से जुड़ा हुआ है। एसटीएफ का कहना है कि जांच में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।


हर्षवर्धन के अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे बने?

प्रसिद्ध तांत्रिक चंद्रास्वामी ने हर्षवर्धन जैन की मुलाकात दुबई के आर्म्स डीलर अदनान खगोशी और हैदराबाद के एहसान अली सैयद से कराई थी। एहसान अली ने फर्जी तुर्की नागरिकता प्राप्त की है और स्विट्जरलैंड-बहरीन स्थित कंपनी वेस्टर्न एडवायजरी ग्रुप के माध्यम से भारी दलाली और लोन फ्रॉड किया। इसी के चलते हर्षवर्धन की अंतरराष्ट्रीय पहुंच बनी है।


हर्षवर्धन के घोटाले की कंपनियां

हर्षवर्धन जैन की चार देशों की कंपनियों में संदिग्ध गतिविधियों का पता चला है। वह इन कंपनियों के माध्यम से अरबों रुपये का लोन दिलाने का झूठा वादा करके करोड़ों रुपये ठगता था। एसटीएफ की जांच में यूके की स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, ईस्ट इंडिया कंपनी यूके लिमिटेड, दुबई में आइलैंड जनरल ट्रेडिंग कंपनी एलएलसी, मॉरीशस में इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड और कैमरून में कैमरून इस्पात सार्ल कंपनियों में हर्षवर्धन का संबंध पाया गया है।


हर्षवर्धन के बैंक खातों का विवरण

दुबई में - 6 खाते
मारिशस में - 1 खाता
यूके में - 3 खाते
भारत में - 1 खाता


एहसान अली की दलाली

एहसान अली ने 2008 से 2011 के बीच 70 मिलियन पाउंड के लोन दिलाने के नाम पर 25 मिलियन पाउंड की दलाली वसूली थी। इसके बाद वह फरार हो गया। 2022 में लंदन पुलिस ने उसे स्विट्जरलैंड सरकार के अनुरोध पर गिरफ्तार किया। जुलाई 2023 में वेस्टमिनिस्टर कोर्ट लंदन ने उसे स्विस सरकार को प्रत्यर्पण की अनुमति दी। ज्यूरिच कोर्ट ने एहसान को 6.5 साल की सजा सुनाई थी।


फर्जी दूतावास का पर्दाफाश

गाजियाबाद में 23 जुलाई को यूपी एसटीएफ ने एक फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया। आरोपी हर्षवर्धन जैन खुद को वेस्ट आर्कटिक, सबोर्गा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे देशों का राजदूत बताता था, जबकि वास्तव में ऐसे कोई देश नहीं हैं। एसटीएफ ने मौके से डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 गाड़ियां, 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मोहर लगी कूटरचित दस्तावेज, फर्जी 2 पैनकार्ड, कई देशों और कंपनियों की 34 मोहरें, 2 फर्जी प्रेस कार्ड, 44.70 लाख रुपये नगद, कई देशों की विदेशी करेंसी के अलावा 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट बरामद की थी।