गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी
गिरफ्तारी का मामला
गाजियाबाद के कवि नगर क्षेत्र के निवासी हर्ष वर्धन जैन को एक फर्जी दूतावास चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह सामने आया कि जैन के पास 12 देशों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट थे और उन्होंने पिछले एक दशक में लगभग 40 देशों की यात्रा की। जैन ने एक किराए के आवास से गैर-मान्यता प्राप्त वेस्टार्कटिका का राजनयिक होने का दावा करते हुए यह कथित "वाणिज्य दूतावास" संचालित किया।
जांच और कार्रवाई
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी-एसटीएफ) ने जैन के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उनकी पुलिस हिरासत की मांग की है। जांच में यह भी पता चला कि जैन ने विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया।
फर्जी दूतावास का खुलासा
फर्जी वादों का खेल
एसटीएफ की नोएडा इकाई के अनुसार, जैन ने फर्जी वादों के माध्यम से कंपनियों और व्यक्तियों को ठगा। जांच में यह भी सामने आया कि 2002 से 2004 के बीच तुर्की के नागरिक सैयद एहसान अली ने जैन को 20 करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन किया था।
विदेशी बैंक खाते और यात्रा
बैंक खातों की संख्या
जांच में जैन के 20 बैंक खातों का पता चला, जिनमें से 12 भारत में और 8 विदेशों में हैं। इनमें दुबई में पांच, लंदन में दो और मॉरीशस में एक खाता शामिल है। एक अज्ञात स्रोत के अनुसार, जैन कई खाड़ी और यूरोपीय देशों की लगातार यात्रा कर अपनी शेल कंपनियों का संचालन करता था। पिछले 10 वर्षों में उसने 40 देशों की यात्रा की, जिसमें अकेले यूएई की 30 से अधिक यात्राएं शामिल हैं।
डिप्लोमैटिक पासपोर्ट और आरोप
फर्जी दावे और गिरफ्तारी
47 वर्षीय जैन ने वेस्टार्कटिका, सेबोर्गा, लाडोनिया और काल्पनिक पॉलोविया जैसे गैर-मान्यता प्राप्त सूक्ष्म राष्ट्रों के राजनयिक होने का दावा किया। पुलिस ने उसके पास से 12 देशों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट बरामद किए हैं। जैन के खिलाफ कवि नगर थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 336(3) (जालसाजी), 338 (मूल्यवान दस्तावेजों की जालसाजी) और 340(2) (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।