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गाजियाबाद में बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

गाजियाबाद पुलिस ने एक बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नवजात बच्चों को उनके रंग और लिंग के आधार पर निःसंतान दंपतियों को बेचता था। चार आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ, पुलिस ने इस गिरोह के विस्तृत नेटवर्क का भी खुलासा किया है, जो विभिन्न राज्यों और नेपाल तक फैला हुआ था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

गिरोह का खुलासा

गाजियाबाद पुलिस ने एक बाल तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो नवजात बच्चों को उनके रंग और लिंग के आधार पर निःसंतान दंपतियों को बेचता था। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें नावेद अंसारी (19), अफसर (28), स्वाति उर्फ शाइस्ता (35) और संध्या चौहान (37) शामिल हैं। संध्या मुजफ्फरनगर में एक मैरिज ब्यूरो चलाती थी, जबकि स्वाति का ब्यूरो शामली में था।


बच्चों की कीमत

पुलिस के अनुसार, गिरोह गोरी त्वचा वाले नवजात शिशुओं के लिए 5 लाख रुपये तक मांगता था, जबकि अन्य बच्चों की कीमत 1.5 लाख से 2.5 लाख रुपये के बीच होती थी। यह रैकेट पिछले तीन वर्षों में 10 से अधिक बच्चों की तस्करी करने का संदेह है। यह मामला तब सामने आया जब एक साल के बच्चे को लोनी में एक घर से छुड़ाया गया।


जांच की प्रक्रिया

जांच की शुरुआत तब हुई जब ट्रोनिका सिटी के निवासी राशिद ने अपने लापता बेटे की रिपोर्ट दर्ज कराई। सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद, पुलिस ने संदिग्ध की पहचान की और लोनी में छापेमारी कर बच्चे को बरामद किया। मुरादाबाद का एक दंपति इस बच्चे को 2.5 लाख में खरीदने वाला था, लेकिन सौदा रद्द होने पर अमरोहा के एक दंपति से 1.5 लाख में बात पक्की की गई।


गिरोह का विस्तृत नेटवर्क

गिरोह का नेटवर्क दिल्ली, बिजनौर, मुरादाबाद, रुड़की, अमरोहा, जम्मू-कश्मीर और नेपाल तक फैला हुआ था। स्वाति और संध्या निःसंतान दंपतियों को बच्चों की तस्वीरें भेजकर सौदे तय करती थीं। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल से कई आपत्तिजनक चैट भी बरामद की हैं, जिनमें बच्चों की बिक्री और कीमत पर चर्चा की गई है। वर्तमान में, ट्रोनिका सिटी थाने में बीएनएस की धारा 143(4) (तस्करी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस अन्य धाराओं को जोड़ने पर विचार कर रही है।