×

गुजरात के युवक ने रूस में सेना में शामिल होने से बचने की अपील की

गुजरात के साहिल मोहम्मद हुसैन ने रूस में सेना में शामिल होने से बचने के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया है। उसने बताया कि उसे झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर जबरन भर्ती किया गया। साहिल ने भारतीय सरकार से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है और सुरक्षित वापसी की मांग की है। उसकी मां ने भी दिल्ली सरकार से मदद की अपील की है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और सरकार का क्या कहना है।
 

वीडियो में दर्द बयां करते युवक की कहानी


नई दिल्ली: गुजरात के एक युवक का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने अपने अनुभवों को साझा किया है। यह युवक छात्र वीजा पर रूस में पढ़ाई करने गया था।


रूसी सेना में शामिल होने से बचने की अपील

युवक ने एक वीडियो संदेश में लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी स्थिति में रूसी सेना में शामिल न हों। उसने कहा कि उसे झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर जबरन सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया था।


यूक्रेन से वीडियो संदेश

गुजरात के मोरबी जिले के साहिल मोहम्मद हुसैन ने यह वीडियो यूक्रेन से रिकॉर्ड किया है। बताया गया है कि वह वर्तमान में यूक्रेनी सेना की हिरासत में है। वीडियो में साहिल ने भारतीय सरकार से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है और सुरक्षित भारत वापसी के लिए मदद मांगी है।


पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम काम

साहिल ने बताया कि वह 2024 में पढ़ाई के लिए रूस गया था और पढ़ाई के खर्च को पूरा करने के लिए एक कूरियर कंपनी में पार्ट-टाइम काम कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जो नशीले पदार्थों के धंधे में शामिल थे।


झूठे ड्रग्स केस में फंसाने का आरोप

साहिल ने आरोप लगाया कि रूसी पुलिस ने उसे झूठे ड्रग्स मामले में फंसा दिया और कहा कि यदि वह रूसी सेना में शामिल हो जाएं, तो उसके खिलाफ लगे आरोप हटा दिए जाएंगे। मजबूरी में उसने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।


सैन्य प्रशिक्षण और युद्ध क्षेत्र में भेजा गया

साहिल के अनुसार, उसे लगभग 15 दिन का सैन्य प्रशिक्षण दिया गया और फिर उसे सीधे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। वहां पहुंचते ही उसने यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में यूक्रेनी अधिकारियों ने उसके वीडियो उसकी मां को भेजे और उनसे अपील की कि वे इस तरह के मामलों के बारे में लोगों को जागरूक करें।


मां ने अदालत का दरवाजा खटखटाया

साहिल के वीडियो के सामने आने के बाद उसकी मां ने दिल्ली सरकार से बेटे की सुरक्षित वापसी की मांग की है। उन्होंने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है, और इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी।


सरकार का बयान

5 दिसंबर को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत सरकार रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हुए भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने उठाया है।


मिसरी ने भारतीय नागरिकों को चेतावनी दी कि वे रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहें। उन्होंने कहा कि कई भारतीय वहां फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए काम कर रही है।