गुजरात जनविश्वास विधेयक-2025: विधानसभा में पारित महत्वपूर्ण सुधार
गुजरात सरकार का नया कदम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकसित भारत@2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में गुजरात सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और नीति-आधारित शासन के माध्यम से, गुजरात अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। राज्य सरकार का उद्देश्य 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देना और बेहतर जीवन जीने की अवधारणा को साकार करना है। इसी दिशा में, उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने विधानसभा में 'गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025' पेश किया।
विधेयक के उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, यह विधेयक व्यापार और जीवन को सरल बनाने के लिए कानूनों को डिजिटलाइज और संशोधित करने का प्रयास करेगा। यह विधेयक न्यायपालिका पर बोझ कम करने में भी सहायक होगा। मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए स्थिर नीतियों और अनुकूल व्यावसायिक माहौल की आवश्यकता होती है। केंद्र सरकार ने हमेशा कानूनों को आधुनिक और नागरिकों के अनुकूल बनाने का प्रयास किया है।
कानूनी सुधार और डिक्रिमिनलाइजेशन
इस विधेयक का एक प्रमुख उद्देश्य 516 प्रावधानों को अपराधमुक्त करना है, जिससे नागरिकों को कानूनों के पालन में मदद मिलेगी। उद्योग मंत्री ने बताया कि छोटी भूलों के लिए कैद की सजा को हटा दिया गया है और दंड के स्थान पर वित्तीय पैनल्टी का प्रावधान किया गया है। इससे न्यायिक प्रणाली पर बोझ कम होगा और नागरिकों के लिए कानूनों का पालन करना आसान होगा।
स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए लाभ
इस विधेयक से विशेष रूप से स्टार्टअप्स और एमएसएमई को लाभ होगा, क्योंकि यह उन्हें छोटी भूलों के लिए फौजदारी कार्यवाही के भय से मुक्त करेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि गुजरात ने अन्य राज्यों की तुलना में जनविश्वास कानूनों में सबसे अधिक सुधार किए हैं। यह विधेयक राज्य में विकास और निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' और 'ईज ऑफ लिविंग' को भी सशक्त करेगा।
विधेयक का पारित होना
सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों ने इस विधेयक पर अपने विचार साझा किए, जिसके बाद 'गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025' को बहुमत से पारित किया गया। यह विधेयक राज्य के समग्र विकास और नियामक सुधार यात्रा का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।