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गुजरात पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का किया भंडाफोड़

गुजरात पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने पाकिस्तान और दुबई के माध्यम से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। गिरफ्तार किए गए चेतन गंगाणी पर आरोप है कि उसने 10 करोड़ रुपये का ट्रांसफर किया। गिरोह ने 100 से अधिक फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल किया और अब तक 200 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। पुलिस ने इस मामले में और गिरफ्तारियों की उम्मीद जताई है।
 

गुजरात में साइबर अपराध का खुलासा

गुजरात पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसने पाकिस्तान और दुबई के माध्यम से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। सूरत निवासी चेतन गंगाणी को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान स्थित क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में 10 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।


फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल

पुलिस के अनुसार, चेतन गंगाणी ने दुबई में सक्रिय साइबर अपराधियों के साथ मिलकर 100 से अधिक फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया। इस गिरोह ने भारत में ठगे गए धन को पहले विभिन्न खातों में जमा किया और फिर उसे क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पाकिस्तान भेजा। जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने अब तक लगभग 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।


तकनीकी कौशल का उपयोग

गुजरात साइबर क्राइम सेल ने बताया कि आरोपी तकनीकी रूप से कुशल था और उसने अपने सभी लेनदेन को छिपाने के लिए VPN, फर्जी मोबाइल सिम और ईमेल आईडी का सहारा लिया। पुलिस ने चेतन के बैंक खातों, लैपटॉप और मोबाइल फोन को जब्त कर लिया है।


जांच का दायरा बढ़ा

साइबर सेल ने यह भी बताया कि यह नेटवर्क भारत के विभिन्न राज्यों में फैला हुआ है और दुबई तथा पाकिस्तान से दूरस्थ तरीके से संचालित होता था। पुलिस अब इस मामले में FEMA और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत भी जांच करेगी।


अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क का हिस्सा

गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क का हिस्सा है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां होंगी।”