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गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफ़ान अली का पुनर्निर्वाचन

मोहम्मद इरफ़ान अली को गुयाना के राष्ट्रपति के रूप में पुनर्निर्वाचित किया गया है। उन्होंने 2020 में पहली बार सत्ता संभाली थी और अब उनके सामने देश की आर्थिक चुनौतियों का सामना करने की जिम्मेदारी है। गुयाना, जो कच्चे तेल के भंडार के लिए जाना जाता है, में गरीबी की दर भी चिंताजनक है। जानें अली के बारे में और उनके कार्यकाल की चुनौतियों के बारे में इस लेख में।
 

गुयाना में राष्ट्रपति चुनाव

मोहम्मद इरफ़ान अली को गुयाना के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुना गया है। 45 वर्षीय अली, जो सत्तारूढ़ पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी (पीपीपी) के नेता हैं, ने पहली बार 2020 में सत्ता संभाली थी। उनके पार्टी को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से दोगुने से अधिक वोट मिले हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि उनका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। अली के मुख्य प्रतिद्वंद्वी वामपंथी विपक्षी पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस रिफॉर्म (पीएनसीआर) के ऑब्रे नॉर्टन और करोड़पति नेता अज़रुद्दीन मोहम्मद थे, जिन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी वी इन्वेस्ट इन द नेशन (डब्ल्यूआईएन) की स्थापना की। वहीं, लंबे समय से विपक्षी दल पार्टनरशिप फॉर नेशनल यूनिटी (एपीएनयू) काफी पीछे रह गया है।


गुयाना की आर्थिक स्थिति

गुयाना, जो दक्षिण अमेरिका में स्थित है, दुनिया में प्रति व्यक्ति सबसे बड़े कच्चे तेल भंडार वाला देश है, लेकिन यहां की गरीबी दर लैटिन अमेरिका में सबसे अधिक है। इंटर-अमेरिकन डिवेलपमेंट बैंक की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, तेल उत्पादन से बजट चौगुना होने के बावजूद 55% आबादी गरीबी में जी रही है। विपक्ष ने चुनावी प्रक्रिया में सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, गुयाना में लगभग 3,20,000 भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं।


अली का परिचय

अली कौन हैं?

अली एक शहरी योजनाकार और अर्थशास्त्री हैं। उनका जन्म 25 अप्रैल, 1980 को डेमेरारा के पश्चिमी तट पर स्थित लियोनोरा में एक मुस्लिम भारतीय-गुयाना परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा लियोनोरा नर्सरी और प्राथमिक विद्यालयों से शुरू की और बाद में जॉर्जटाउन के सेंट स्टैनिस्लॉस कॉलेज से माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। उनके पास वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय से शहरी और क्षेत्रीय नियोजन में डॉक्टरेट की उपाधि है।


भारतीय समुदाय से संबंध

भारतीय संग कनेक्शन

अली का परिवार 19वीं सदी में भारत से गुयाना आया था। 2023 में, उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया, जो प्रवासी भारतीयों के लिए सर्वोच्च सम्मान है। अली ने 2020 में मतगणना को लेकर विवादास्पद गतिरोध के बाद सत्ता में कदम रखा था। तब से, उन्होंने एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का नेतृत्व किया है। अब उनके सामने एक ऐसे देश का पुनर्निर्माण करने की चुनौती है, जिसके पास दुनिया में सबसे अधिक प्रमाणित कच्चे तेल का भंडार है, लेकिन साथ ही लैटिन अमेरिका में सबसे अधिक गरीबी के स्तर वाले देशों में से एक है। इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 58 प्रतिशत गुयानावासी गरीबी में जी रहे हैं, जबकि 2019 में उत्पादन शुरू होने के बाद से तेल उत्पादन में तेजी आई है। यह खोज 2015 में एक्सॉनमोबिल द्वारा गुयाना के तट पर विशाल कच्चे तेल के भंडार की खोज के बाद हुई थी।