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गुरमीत राम रहीम मामले में हाईकोर्ट से याचिका वापस, अब मुख्य अपील पर होगी सुनवाई

गुरमीत राम रहीम ने 2017 में दायर दुष्कर्म मामले में अपनी सजा को निलंबित करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका वापस ले ली है। यह याचिका लगभग दो वर्षों से लंबित थी। अब कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मुख्य आपराधिक अपील पर सुनवाई की जाएगी, जिसमें राम रहीम ने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है। जानें इस मामले का पूरा विवरण और आगे की न्यायिक लड़ाई की दिशा।
 

गुरमीत राम रहीम केस: हाईकोर्ट में याचिका वापस लेने की प्रक्रिया

गुरमीत राम रहीम केस: 2017 के प्रसिद्ध मामले में हाईकोर्ट से याचिका वापस ली गई, अब अपील पर होगी सुनवाई: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित याचिका को औपचारिक रूप से वापस ले लिया गया है। यह याचिका सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 2017 में दर्ज दुष्कर्म मामले में अपनी सजा को निलंबित करने के लिए दायर की थी।


चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस विक्रम अग्रवाल की खंडपीठ के समक्ष डेरा प्रमुख ने बताया कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि याचिका खारिज मानी जाएगी, लेकिन याचिकाकर्ता को भविष्य में दोबारा याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता रहेगी।


याचिका पर दो वर्षों से नहीं हो रही थी सुनवाई


यह याचिका लगभग दो वर्षों से अदालत में लंबित थी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस देरी पर चिंता जताई थी और कहा था कि अगली तारीख पर चाहे बहस हो या नहीं, याचिका का अंतिम निपटारा किया जाएगा।


अब जब राम रहीम ने स्वयं याचिका वापस ली है, कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अब मामले की मुख्य आपराधिक अपील पर सुनवाई की जाएगी। इस अपील में राम रहीम ने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है।


क्या है पूरा मामला और सजा का विवरण


सीबीआई की विशेष अदालत ने 25 अगस्त, 2017 को गुरमीत राम रहीम को दो महिला अनुयायियों से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया था। कोर्ट ने उन्हें कुल 20 वर्ष की सजा सुनाई थी।


राम रहीम ने इस सजा को निलंबित करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अब अपनी कानूनी रणनीति को बदलते हुए उन्होंने उस याचिका को वापस ले लिया है।


यह निर्णय उनकी आगे की न्यायिक लड़ाई की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है और सभी की निगाहें अब मुख्य अपील पर टिक गई हैं।