गुरु गोबिंद सिंह जी का पवित्र जोरा पटना साहिब ले जाने की योजना
जोरे साहिब की यात्रा का ऐलान
नई दिल्ली: गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी का पवित्र ‘जोरा साहिब’ दिल्ली से पटना साहिब ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस संबंध में जानकारी दी है कि यह यात्रा नगर कीर्तन के साथ होगी, और इसकी योजना दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी तथा पटना साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा बनाई जाएगी। इस अवसर पर दोनों प्रबंधन कमेटियों के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और जगजीत सिंह सोही भी उपस्थित थे।
जोरे साहिब की ऐतिहासिकता
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि उनके परिवार को पिछले 300 वर्षों से जोरे साहिब की सेवा का अवसर मिला है। 1947 में विभाजन के समय जोरे साहिब को उनके परिवार ने यहां लाया था, और तब से यह पवित्र धरोहर उनके पास रही। परिवार के बढ़ने के साथ इसकी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई, जिसके बाद संगत और सरकार के साथ विचार-विमर्श किया गया। गुरु साहिब की इस धरोहर की कार्बन टेस्टिंग भी करवाई गई, और जांच रिपोर्ट के अनुसार इसे पटना साहिब में रखने का निर्णय लिया गया। अब पटना साहिब ने इसका प्रभार ले लिया है।
संगत का सहयोग
हरमीत सिंह कालका ने कहा कि पुरी साहब के परिवार ने गुरु साहिब की निशानी को संभाल कर रखा है। जोरे साहिब को पटना साहिब में रखना एक सकारात्मक निर्णय है, और वे इसका स्वागत करते हैं। इसे एक विशाल नगर कीर्तन के रूप में पटना साहिब ले जाया जाएगा, जिसमें वे पूरा सहयोग देंगे।
प्रधानमंत्री से मुलाकात
पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह सोही ने कहा कि वे जोरे साहिब को पटना साहिब लेकर जाएंगे, ताकि संगत के लोग वहां दर्शन कर सकें। उन्होंने पुरी साहब के परिवार का धन्यवाद किया। हाल ही में, सिख समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी, जिसमें जोरे साहिब के संरक्षण पर चर्चा हुई थी।
जोरे साहिब का विवरण
जानकारी के अनुसार, पवित्र जोरे साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के दाहिने पैर का जोरा है, जिसका आकार 11 इंच x 3.5 इंच है, और माता साहिब कौर जी का बांया पैर का जोरा 9 इंच x 3 इंच का है।