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गुरुग्राम में जलभराव की स्थिति पर अधिकारियों की निगरानी आवश्यक: उपायुक्त अजय कुमार

गुरुग्राम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए उपायुक्त अजय कुमार ने अधिकारियों को फील्ड में रहने और स्थिति की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिले में 180 पंप सेट की व्यवस्था की गई है और सभी ड्रेनों की सफाई का कार्य पूरा किया जा रहा है। अधिकारियों को शिकायतों की समीक्षा करने और जलभराव की स्थिति पर ध्यान देने के लिए भी कहा गया है।
 

जलभराव की समस्या से निपटने के लिए समीक्षा बैठक


  • उपायुक्त ने जलभराव की स्थिति पर समीक्षा बैठक की


(Gurugram News) गुरुग्राम। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी उपायुक्तों और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ जलभराव की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के दौरान किसी भी जिले में सड़कों पर जलभराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि उपायुक्त जल निकासी के लिए पंप सेट और ड्रेनेज की सफाई सुनिश्चित करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुरुग्राम के मंडल आयुक्त आरसी बिढान की अध्यक्षता में उपायुक्त अजय कुमार और अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।


जिले में जलभराव की रोकथाम के लिए इंतजाम

जिले में 180 पंप सेट की व्यवस्था


उपायुक्त अजय कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले में बरसात के मौसम के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश ड्रेनों की सफाई का कार्य पूरा हो चुका है और बाकी ड्रेनों की सफाई जल्द ही की जाएगी।


उन्होंने यह भी बताया कि गुरुग्राम में जलभराव संभावित स्थानों की पहचान की गई है और 180 पंप सेट की व्यवस्था की गई है, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में लाया जाएगा।


इसके अलावा, जलभराव की स्थिति की निगरानी के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फील्ड में रहकर जलभराव की स्थिति की निगरानी करें।


उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान कोई भी अधिकारी अवकाश पर नहीं रहना चाहिए। सभी ड्रेनों की सफाई होनी चाहिए और जलभराव की निकासी के सभी संसाधन चालू स्थिति में होने चाहिए।


शिकायतों की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उपायुक्तों से समाधान शिविर में आने वाली शिकायतों की जिलावार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शिकायत लंबित न रहे और यदि किसी शिकायत को अस्वीकृत किया गया है, तो उसके कारण स्पष्ट किए जाएं।