गुरुग्राम में रामलीला: भावुक भरत मिलाप का मंचन
जैकबपुरा में श्री दुर्गा रामलीला का आयोजन
- जैकबपुरा की श्री दुर्गा रामलीला में भरत मिलाप ने किया भाव-विभोर
गुरुग्राम। जैकबपुरा में श्री दुर्गा रामलीला का मंचन शुरू होते ही दर्शकों में भरत मिलाप की लीला देखने की उत्सुकता बढ़ गई। रामलीला में राम-भरत मिलाप के क्षण अत्यंत भावुक रहे, जिससे दर्शक भावुक हो गए।
लीला में दिखाया गया कि भरत अपने भाई राम को वापस अयोध्या लाने के लिए निकल पड़ते हैं। यह सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं और श्री राम से कहते हैं कि भरत अपनी सेना के साथ उन पर हमला करने आ रहे हैं। लक्ष्मण चिंतित हैं कि राम अकेले हैं और उनके पास कोई सैन्य शक्ति नहीं है। इस पर भगवान श्री राम लक्ष्मण को समझाते हैं कि उन्हें शांत रहना चाहिए।
राम बताते हैं कि भरत के विचार और चरित्र बहुत ऊँचे हैं, और वह अपने भाई के साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते। लक्ष्मण का क्रोध फिर भी शांत नहीं होता और वह कहते हैं कि भरत अपने उद्देश्य में सफल नहीं होंगे। भरत अपने बड़े भाई से मिलने के लिए उत्सुक हैं। जब भरत राम को देखते हैं, तो वह उन्हें दण्डवत प्रणाम करते हैं और उनकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं।
भरत राजा दशरथ की मृत्यु की सूचना राम को देते हैं, जिससे राम, सीता और लक्ष्मण की आंखों में आंसू आ जाते हैं। भगवान राम अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हैं और भरत उन्हें अयोध्या चलने के लिए मनाते हैं, लेकिन राम पिता के वचनों को पूरा करने की बात कहकर मना कर देते हैं। अंत में, भरत श्रीराम की चरण पादुकाएं लेकर अयोध्या के लिए निकल पड़ते हैं। इस दौरान एक गीत गूंजता है- 'राम भक्त ले चला राम की निशानी, अब इनकी छांव में रहेगी राजधानी..'।