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गुलशन कुमार की हत्या: एक चौंकाने वाला खुलासा

गुलशन कुमार, भारतीय संगीत उद्योग के 'कैसेट किंग', की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। राकेश मारिया की नई किताब में इस हत्या से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि उन्हें पहले से ही इस हत्या की जानकारी थी। जानें कैसे अबू सलेम का नाम इस मामले में सामने आया और गुलशन कुमार की विरासत आज भी कैसे जीवित है।
 

गुलशन कुमार की हत्या का रहस्य

मुंबई - भारतीय संगीत उद्योग के 'कैसेट किंग' गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मंदिर से लौटते समय उन पर 16 गोलियां चलाई गईं, जिससे उनकी मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस से जुड़ा एक नया खुलासा सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है।


मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया की किताब 'लेट मी से इट नाउ' में गुलशन कुमार की हत्या से संबंधित एक चौंकाने वाला कोडवर्ड सामने आया है। उन्होंने बताया कि हत्या से पहले उन्हें खुफिया सूत्रों से सूचना मिली थी। जब मारिया ने अपने खबरी से पूछा, 'विकेट कौन गिराने वाला है?' तो जवाब मिला, 'अबू सलेम।' यहाँ 'विकेट गिराने' का अर्थ हत्या को अंजाम देने से था, और अबू सलेम 90 के दशक का एक कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन था। इस जवाब से स्पष्ट हो गया कि गुलशन कुमार की हत्या की योजना पहले से ही बनाई जा चुकी थी।


गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1956 को दिल्ली के दरियागंज में हुआ था। वे वैष्णो देवी और भगवान शिव के भक्त थे। उनके पिता दिल्ली में जूस की दुकान चलाते थे, और गुलशन ने कम उम्र में ही उनके साथ काम करना शुरू किया। लेकिन संगीत के प्रति उनके जुनून ने उन्हें एक अलग दिशा में ले जाया। उन्होंने भक्ति गीतों के माध्यम से म्यूजिक इंडस्ट्री में क्रांति ला दी। सस्ती कीमत पर कैसेट बेचकर और हर घर तक भक्ति संगीत पहुँचाकर, गुलशन कुमार ने टी-सीरीज को एक विशाल म्यूजिक साम्राज्य बना दिया। लेकिन उनकी बढ़ती सफलता और धन ने उन्हें अंडरवर्ल्ड के निशाने पर ला दिया। अबू सलेम ने उनसे जबरन वसूली के लिए 5 लाख रुपये की मांग की, जिसे गुलशन ने ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, 'मैं यह पैसा मंदिर में दान करूंगा, लेकिन तुम लोगों को नहीं दूंगा।' यही इनकार उनकी मौत का कारण बना।


मारिया ने अपनी किताब में घटनाक्रम का पूरा विवरण दिया है। उन्होंने लिखा कि खबरी ने पहले ही पुलिस को सूचना दी थी कि वह शिव मंदिर के पास गुलशन कुमार पर हमला करवाएगा। जब मारिया ने पूछा, 'क्या खबर पक्की है?' तो खबरी ने कहा, 'साहब, खबर एकदम पक्की है, नहीं तो मैं आपको क्यों बताता।' इस जानकारी के बाद, मारिया ने बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट को फोन किया। भट्ट ने पुष्टि की कि गुलशन कुमार सुबह शिव मंदिर जाते हैं। 12 अगस्त 1997 को जब गुलशन कुमार मंदिर से बाहर निकले, तभी उन पर गोलियों की बौछार की गई। राकेश मारिया ने अपनी किताब में यह भी कहा कि उन्हें आज भी इस बात का अफसोस है कि वे इस हत्या को रोक नहीं सके। गुलशन कुमार की हत्या ने देश को झकझोर दिया, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। उनके बेटे भूषण कुमार ने टी-सीरीज को दुनिया के सबसे बड़े म्यूजिक ब्रांड्स में शामिल कर दिया है, जबकि उनकी बेटियाँ तुलसी और खुशाली भी संगीत और फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं।