गोवा के स्वास्थ्य मंत्री का विवाद: डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग और मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे द्वारा एक वरिष्ठ चिकित्सक पर गुस्सा होने और उन्हें तुरंत निलंबित करने के आदेश देने के बाद, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने रविवार को इस घटना की समीक्षा की और स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा के बाद यह स्पष्ट किया कि डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर का निलंबन नहीं होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और चिकित्सा टीम हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने डॉक्टरों की मेहनत और उनके जीवन रक्षक कार्यों की सराहना की।
मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप
यह विवाद तब शुरू हुआ जब स्वास्थ्य मंत्री राणे बम्बोलिम में गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) पहुंचे। वहां एक शिकायत मिलने पर उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर पर मरीज का इलाज न करने और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। इस पर गुस्साए मंत्री ने डॉक्टर को तुरंत निलंबित करने का आदेश दे दिया। इस दौरान उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
स्वास्थ्य मंत्री की आलोचना
गोवा कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री राणे की कड़ी आलोचना की, उन्हें अहंकारी और भ्रष्ट बताया और बर्खास्तगी की मांग की। पार्टी ने कहा कि मंत्री के इस व्यवहार ने डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल गिराया है। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो वह मुख्यमंत्री के आवास तक मार्च करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री का स्पष्टीकरण
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने व्यवहार को एक शिकायत पर प्रतिक्रिया बताया और भविष्य में ऐसा न दोहराने का आश्वासन दिया। इस पूरे विवाद ने गोवा की राजनीति में स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।