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गोवा नाइटक्लब अग्निकांड: लूथरा भाइयों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

गोवा के अरपोरा में बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में आग लगने के बाद लूथरा भाइयों की गिरफ्तारी की गई है। दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार होने के बाद उन्हें गोवा लाया जा रहा है। इस घटना में 25 लोगों की जान गई थी, और पुलिस अब उनकी हिरासत की मांग कर रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कानूनी कार्रवाई के बारे में।
 

गोवा में नाइटक्लब में आग की घटना


गोवा के अरपोरा क्षेत्र में बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में लगी भीषण आग के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। नाइटक्लब के मालिक, गौरव और सौरभ लूथरा, को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें गोवा लाया जा रहा है। राज्य पुलिस आज उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश करेगी।


लूथरा भाइयों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया

पुलिस के अनुसार, लूथरा भाई थाईलैंड में छिपे हुए थे, जहां से उन्हें भारत वापस लाया गया। जैसे ही वे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे, इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस प्रकार, नाइटक्लब अग्निकांड के बाद चल रही दस दिन की अंतरराष्ट्रीय खोज समाप्त हो गई।


कोर्ट से मिली ट्रांजिट रिमांड

दिल्ली की अदालत ने गोवा पुलिस को दोनों आरोपियों को ले जाने के लिए दो दिन की ट्रांजिट रिमांड दी थी। मेडिकल जांच के बाद उन्हें फिर से एयरपोर्ट ले जाया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लूथरा भाई बुधवार सुबह गोवा पहुंचने की उम्मीद है।


ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेशी

गोवा पहुंचने पर, गौरव और सौरभ लूथरा को मापुसा में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। इस दौरान पुलिस आगे की हिरासत की मांग कर सकती है। जांच एजेंसियां आग लगने के कारणों और सुरक्षा में हुई लापरवाही की गहराई से जांच कर रही हैं।


आग लगने के बाद की घटनाएं

सूत्रों के अनुसार, छह दिसंबर की रात नाइटक्लब में आग लगने के कुछ घंटों बाद ही दोनों भाई भारत से भाग गए थे। इस हादसे में 25 लोगों की जान गई थी। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की। जांच में पता चला कि लूथरा भाई थाईलैंड के फुकेट में एक होटल में ठहरे हुए थे। थाई अधिकारियों ने उन्हें अवैध रूप से रहने के आरोप में हिरासत में लिया। भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की गई।


विदेश मंत्रालय ने लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद उनके पासपोर्ट निलंबित कर दिए थे। इसके बाद थाईलैंड में भारतीय दूतावास ने आपातकालीन यात्रा दस्तावेज जारी किए, जिससे उन्हें भारत डिपोर्ट किया जा सका।