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गोवा नाइटक्लब आग: लूथरा ब्रदर्स का प्रत्यर्पण और जांच की नई दिशा

गोवा के बर्च नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत के बाद लूथरा ब्रदर्स का थाईलैंड से प्रत्यर्पण किया गया। इस घटना ने राज्य में नाइटलाइफ की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उच्च न्यायालय ने भी मामले में हस्तक्षेप किया है। जानें इस त्रासदी के बाद की कानूनी कार्रवाई और जांच की स्थिति के बारे में।
 

गोवा में नाइटक्लब आग की त्रासदी


गोवा के रोमियो लेन पर स्थित 'बर्च' नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की जान चली गई। इस नाइटक्लब के मालिक, गौरव और सौरभ लूथरा, को मंगलवार को थाईलैंड से भारत लाया गया। यह घटना राज्य में नाइटलाइफ की सबसे भयानक घटनाओं में से एक की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर गोवा पुलिस ने गिरफ्तार किया।


हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी

लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड से आने वाली फ्लाइट में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे। केंद्रीय एजेंसियों ने उन्हें दिल्ली तक पहुँचाया, जहाँ गोवा पुलिस की टीम ने आव्रजन प्रक्रिया के बाद उनकी गिरफ्तारी की।


दोनों भाइयों को दिल्ली की अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ जांचकर्ता उन्हें गोवा ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड की मांग करेंगे।


थाईलैंड से प्रत्यर्पण

सौरभ और गौरव लूथरा आग लगने की घटना के तुरंत बाद फुकेत भाग गए थे। थाई अधिकारियों ने उन्हें निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने के आरोप में हिरासत में लिया, जिसके बाद भारतीय अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट निलंबित कर दिए।


गोवा पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कोई भी टीम थाईलैंड नहीं गई थी और भाइयों को दिल्ली पहुँचने के बाद ही गिरफ्तार किया गया।


अरपोरा नाइटक्लब में आग

इस महीने की शुरुआत में उत्तरी गोवा के अरपोरा में बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में एक भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम के दौरान आग लग गई। इस घटना में 25 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए, जिससे राज्य में सुरक्षा नियमों की जांच शुरू हो गई।


जांचकर्ता क्लब में अग्नि सुरक्षा मानदंडों और लाइसेंस की शर्तों के उल्लंघन की जांच कर रहे हैं।


उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप

बॉम्बे उच्च न्यायालय की गोवा बेंच ने नाइटक्लब से संबंधित एक दीवानी दावे को जनहित याचिका में परिवर्तित कर दिया। न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामलों में जवाबदेही आवश्यक है और राज्य सरकार से लाइसेंसों पर जवाब मांगा।


न्यायालय ने यह भी कहा कि विध्वंस आदेश और स्थानीय पंचायत में की गई शिकायतों के बावजूद व्यावसायिक गतिविधियाँ जारी थीं।


कानूनी कार्रवाई की गति

गोवा सरकार ने इस मामले की पैरवी के लिए एक विशेष कानूनी टीम का गठन किया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।


जैसे ही दोनों भाइयों का भारत लौटना हुआ, जांचकर्ताओं ने सभी कथित उल्लंघनों से संबंधित सबूत जुटाने की प्रक्रिया तेज कर दी।