गोवा में डिजिटल डेमोक्रेसी संवाद का तीसरा दिन: नक्सलवाद और माओवाद पर चर्चा
डिजिटल डेमोक्रेसी संवाद का महत्व
गोवा में डिजिटल डेमोक्रेसी संवाद का तीसरा दिन: पणजी, गोवा। भारत के भीतर और इसके विरुद्ध की स्थिति गंभीर है। देश की बदलती जनसांख्यिकी और कुछ तत्वों द्वारा देश को तोड़ने की कोशिशें चिंता का विषय हैं। अवैध घुसपैठ और बस्तर जैसे क्षेत्रों में विभाजनकारी शक्तियों की सक्रियता भी एक चुनौती है। लेकिन यह सच है कि देश को तोड़ने की बात करने वाले तत्व कमजोर हैं, और जब हम उन्हें उचित तरीके से जवाब देंगे, तो वे भाग जाएंगे। यह विचार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता सुदीप्तो सेन का है।
नक्सलवाद और माओवाद पर चर्चा
तीसरे दिन की एक महत्वपूर्ण चर्चा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और माओवाद पर केंद्रित रही, जिसमें उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विस्तार से अपने विचार साझा किए। उन्होंने जून 1989 के नरसंहार का उल्लेख किया, जब नक्सलियों और माओवादियों ने प्रदेश को रक्तरंजित कर दिया था। लगभग छह दशकों की इस खूनी सक्रियता का अंत हो रहा है। नक्सलियों का मुख्य उद्देश्य सत्ता हथियाना होता है, और उनके लिए लोकतंत्र का कोई मूल्य नहीं है। बस्तर में 27 नक्सल समूह समाप्त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुसार, मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य है।
बस्तर की कहानी को विश्व के सामने लाना
विजय शर्मा ने नक्सली नेटवर्क के विभिन्न पहलुओं जैसे अर्बन, फाइनेंशियल, सोशल और लीगल का विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि जंगल की लड़ाई तो हम जीत लेंगे, लेकिन अब यह जिम्मेदारी इन्फ्लुएंसर्स की है कि वे बस्तर की असली कहानी को दुनिया के सामने रखें। इस सत्र का संचालन रुचा लिमए और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर कुमार शुभम ने किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब माओवादी और नक्सली प्रभाव से लगभग मुक्त हो चुका है।
डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की दृष्टि और नए संस्थानों की स्थापना पर चर्चा की। उन्होंने कनेक्टिंग क्रिएटर्स और डिजिटल क्रांति के प्रयासों को साझा किया। यूट्यूब के सीईओ के साथ इस विषय पर अलग से चर्चा की गई।
क्रिएटर्स के लिए नए अवसर
क्रिएटर्स इकोनॉमी, डिजिटल इंडिया का जादू, और नए मीडिया पर चर्चा की गई। डिजिटल मीडिया को समझाना आवश्यक है कि वे विकास के एंबेसेडर हैं। भारतीय सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी की स्थापना की है, जिसमें कक्षाएं शुरू हो रही हैं।
नवीन तकनीक और एआई का प्रभाव
आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर गणेश सुब्रमण्यन और इंडिया एआई के सीईओ अभिषेक सिंह ने नवीन तकनीक और एआई के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने समाज, राजनीति, शिक्षा, कृषि, और चिकित्सा में इसके उपयोग और दुरुपयोग को रोकने के उपायों पर भी बात की।