ग्रेटा थनबर्ग विवाद पर इजरायली विदेश मंत्रालय का बयान
इजरायल का हमास पर हमला और ग्रेटा थनबर्ग का विवाद
इजरायल ने हमास और उसके सहयोगी देशों पर लगातार हमले जारी रखे हैं। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध को समाप्त करने के लिए एक समय सीमा का अल्टीमेटम दिया था, जो जल्द ही समाप्त होने वाला है।
इजरायल ने युद्ध को रोकने के लिए कई शर्तें रखी हैं, लेकिन हमास ने अब तक इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं की है। इस बीच, ग्रेटा थनबर्ग के विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जिसके चलते इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है।
इजरायली विदेश मंत्रालय का बयान
रविवार को इजरायली विदेश मंत्रालय ने स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिरासत में दुर्व्यवहार के आरोपों को "बेशर्म झूठ" करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि सभी बंदियों के कानूनी अधिकारों का पूरी तरह से सम्मान किया गया और थनबर्ग ने हिरासत के दौरान किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं की।
कानूनी अधिकारों का सम्मान
इजरायली विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ग्रेटा थनबर्ग और अन्य बंदियों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ। सभी बंदियों के कानूनी अधिकारों का पूरी तरह से पालन किया गया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं ने अपनी निर्वासन प्रक्रिया को तेज करने से इनकार किया और स्वेच्छा से अधिक समय तक हिरासत में रहना चुना।
फ्लोटिला पर कार्रवाई
यह विवाद तब शुरू हुआ जब इजरायल ने गाजा की ओर जा रहे एक मानवीय सहायता बेड़े को रोककर 400 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इनमें से 137 लोगों को बाद में रिहा कर तुर्की के इस्तांबुल भेज दिया गया।
ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला का उद्देश्य गाजा के युद्धग्रस्त लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना था, लेकिन इजरायल ने इसे रोक दिया, जिसके बाद यूरोप से लेकर दक्षिण अमेरिका तक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन
इजरायली कार्रवाई के खिलाफ दुनियाभर में प्रदर्शन हुए। बार्सिलोना में लगभग 15,000 लोगों ने सड़कों पर उतरकर "गाजा तुम अकेले नहीं हो" और "इजरायल का बहिष्कार करो" जैसे नारे लगाए। इसी तरह के विरोध जर्मनी, नीदरलैंड, ट्यूनिशिया, ब्राज़ील और अर्जेंटीना में भी हुए।
ग्रेटा थनबर्ग के साथ कथित दुर्व्यवहार का मामला अब अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बन चुका है। जबकि इजरायल इसे "झूठा प्रचार" बता रहा है, वहीं फ्लोटिला में शामिल कार्यकर्ता अपनी बात पर अडिग हैं।