चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ न्याय संघर्ष मोर्चा का आंदोलन तेज
आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या पर बढ़ता आंदोलन
पंचकूला: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में न्याय संघर्ष मोर्चा अब चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ अपने आंदोलन को और तेज करने की योजना बना रहा है। मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है, और अब चंडीगढ़ पुलिस की बारी है कि वह उचित कार्रवाई करे। संघर्ष मोर्चा के कानूनी सेल के उपाध्यक्ष, एडवोकेट रवि गौतम ने बताया कि हरियाणा सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए डीजीपी और रोहतक के एसपी को हटाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। अब मोर्चा चंडीगढ़ प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बनाएगा।
इसके अलावा, मोर्चा ने बुधवार को दोपहर तीन बजे मटका चौक से पंजाब राजभवन तक मार्च करने का ऐलान किया है। कमेटी के अध्यक्ष, रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर जयनारायण ने बताया कि दोपहर 3.30 बजे सेक्टर-17 से एक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकालकर पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उल्लेखनीय है कि रविवार को सेक्टर-20 के गुरु रविदास मंदिर में आयोजित महापंचायत में प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था कि डीजीपी और पूर्व एसपी को गिरफ्तार किया जाए। यह समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
इस बीच, मंगलवार शाम को समिति की बैठक सेक्टर-24 स्थित वाल्मिकी मंदिर में आयोजित की गई। बैठक के बाद सदस्यों ने पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की। समिति के अध्यक्ष जयनारायण ने सभी संस्थाओं से अपील की कि वे शांति और संयम के साथ न्याय की इस लड़ाई को जारी रखें। वहीं, समिति के सदस्य गुरमेल ढाबी ने स्पष्ट किया कि यदि किसी प्रवक्ता या सदस्य ने सरकार की कार्रवाई से संतोष व्यक्त किया है, तो वह उनकी व्यक्तिगत राय है। परिवार और प्रशासन के बीच अब तक कोई सहमति नहीं बनी है।