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चंडीगढ़ में इमिग्रेशन धोखाधड़ी: 150 करोड़ की ठगी, 200 से अधिक मामले दर्ज

चंडीगढ़ में इमिग्रेशन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें 150 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की गई है। पिछले साल लागू हुए बीएनएस कानून के बाद, पुलिस ने 200 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। शहर में 500 से अधिक फर्जी इमिग्रेशन फर्में सक्रिय हैं, जो बेरोजगार युवाओं को धोखा दे रही हैं। पुलिस ने कई फर्मों पर कार्रवाई की है और पेंडिंग शिकायतों की संख्या भी चिंताजनक है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

चंडीगढ़ में इमिग्रेशन धोखाधड़ी का बढ़ता मामला

पिछले साल 1 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत नए कानूनों के लागू होने के बाद से चंडीगढ़ में विदेश भेजने के नाम पर इमिग्रेशन धोखाधड़ी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। बीएनएस लागू होने के बाद से शहर के विभिन्न थानों में 200 से अधिक धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं।


धोखाधड़ी में 150 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी

इन मामलों में लोगों से 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की गई है। शहर में 500 से अधिक फर्जी इमिग्रेशन फर्में सक्रिय हैं, जो विदेश जाने का सपना देखने वाले बेरोजगार युवाओं को लाखों का चूना लगा रही हैं। यूटी पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, केवल 411 इमिग्रेशन कंपनियां ही रजिस्टर्ड हैं।


अवैध कंपनियों की पहचान और कार्रवाई

हालांकि, 500 से अधिक कंपनियां बिना अनुमति के काम कर रही हैं। वर्ष 2024 में पुलिस ने 42 ऐसी फर्मों की पहचान की, जो इमिग्रेशन धोखाधड़ी में शामिल थीं। इनमें से अधिकांश कंपनियां सेक्टर-17, 34, 34ए, 7, 8, 9 और सेक्टर-40 में स्थित हैं। 2023 में धोखाधड़ी करने वाली 33 कंपनियों की पहचान की गई थी, जबकि 2022 में केवल 7 कंपनियों का पता चला था।


पुलिस की कार्रवाई

पिछले एक साल में, यूटी पुलिस ने 100 से अधिक फर्मों पर छापे मारे और उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए। ये फर्में प्रशासन से इमिग्रेशन कंपनी चलाने के लिए आवश्यक अनुमति या परमिट के बिना काम कर रही थीं।


पेंडिंग शिकायतों का मामला

हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के बाद, चंडीगढ़ पुलिस को पता चला कि उनके पास लगभग 2300 शिकायतें पेंडिंग थीं। बीएनएस कानून लागू होने के बाद, पुलिस ने तेजी से इमिग्रेशन धोखाधड़ी के मामलों को दर्ज करना शुरू किया।