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चंडीगढ़ में निरंकारी श्रद्धालुओं ने 272 यूनिट रक्तदान किया

चंडीगढ़ में निरंकारी श्रद्धालुओं ने एक रक्तदान शिविर में 272 यूनिट रक्तदान किया। इस आयोजन का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। शिविर का उद्घाटन जोनल इंचार्ज ने किया, और इसमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। निरंकारी मिशन द्वारा रक्तदान की परंपरा को जारी रखते हुए, यह आयोजन समाज में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस शिविर के बारे में और इसके पीछे के उद्देश्य के बारे में।
 

निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का रक्तदान शिविर


(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़। निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशानुसार, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने चंडीगढ़ के सैक्टर 15 और सैक्टर 40 में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में निरंकारी श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से 272 यूनिट रक्तदान किया, जिसमें कई महिलाएं भी शामिल थीं।


इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन श्री ओ पी निरंकारी जी, जोनल इंचार्ज, चंडीगढ़ जोन ने स्थानीय मुखी महात्माओं श्री एस.एस. बांगा एवं श्री पवन कुमार जी की उपस्थिति में किया। श्री निरंकारी जी ने युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी के कथन का पालन करते हुए कहा कि "रक्त नाड़ियों में बहना चाहिए, नालियों में नहीं।" निरंकारी मिशन ने 1986 से मानवता की भलाई के लिए कई स्थानों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं, जिसमें अब तक लगभग 15 लाख यूनिट रक्तदान किया जा चुका है।


ब्रह्मज्ञान से ही संभव है रक्तदान


श्री निरंकारी ने बताया कि गर्मियों में रक्त की कमी हो जाती है, लेकिन संत निरंकारी मिशन पूरे वर्ष रक्तदान शिविरों का आयोजन करता है। यहां उपस्थित रक्तदाताओं का उत्साह देखने लायक था। यह दान परमात्मा द्वारा दिए गए तन से किया जा रहा है, क्योंकि हमारे शरीर में परमात्मा ने एक रिजर्व रक्त का सिस्टम बनाया है। यह तभी संभव है जब हम पूर्ण सतगुरु से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर लेते हैं।


इस अवसर पर सैक्टर 15 के मुखी श्री सोहन सिंह बांगा जी और सैक्टर 40 के मुखी श्री पवन कुमार जी ने पी.जी.आई. चंडीगढ़ और मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल सैक्टर 16 चंडीगढ़ से आई डॉक्टरों की टीम और सभी रक्तदाताओं का धन्यवाद किया।