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चंडीगढ़ में मौसम और कचरा प्रबंधन की नई चुनौतियाँ

चंडीगढ़ में मौसम की स्थिति में बदलाव आ रहा है, जहां उमस के साथ धूप का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना जताई है। वहीं, डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में कचरे की सफाई में देरी हो रही है, जिसके लिए नगर निगम ने नई डेडलाइन 30 नवंबर तय की है। जानें मौसम विशेषज्ञों की राय और कचरे के प्रबंधन में आ रही चुनौतियों के बारे में।
 

चंडीगढ़ का मौसम अपडेट

चंडीगढ़ मौसम अपडेट: सोमवार की सुबह चंडीगढ़ में धूप देखने को मिली, लेकिन इसके साथ ही उमस ने भी लोगों को परेशान किया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 से 36 घंटों में हवाओं की दिशा में बदलाव होगा, जिससे बारिश की संभावना कम है, लेकिन दिन और रात के तापमान में गिरावट आएगी। मॉनसून अब कमजोर पड़ने की ओर है। इसके बाद अगले दो-तीन दिनों में दिन के तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है। सोमवार को अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक है। रविवार रात न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री रहा।


आने वाले दिनों का मौसम कैसा रहेगा?

मंगलवार: आसमान में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री रहने की संभावना है।


बुधवार: बादल छाने की संभावना है। अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री रह सकता है।


गुरुवार: आंशिक बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री रहने की उम्मीद है।


मौसम विशेषज्ञ की राय

चंडीगढ़ मौसम अपडेट: मौसम विशेषज्ञ डॉ. डीपी दूबे ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण सुबह के समय ठंडक बढ़ेगी और ओस गिरने की संभावना है। मॉनसून की समय से पहले विदाई के आसार हैं। वर्तमान में एक नया सिस्टम महाराष्ट्र से उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जो उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगा। इससे हल्की बारिश हो सकती है। इन हवाओं का प्रभाव अगले दो-तीन दिनों तक रहेगा। यदि धूप तेज होती है, तो दिन का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन रातें ठंडी रहेंगी।


डड्डूमाजरा में कचरे का पहाड़, नई डेडलाइन 30 नवंबर

चंडीगढ़ के डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में कचरे का तीसरा पहाड़ अब भी एक चुनौती बना हुआ है। यहां 60 हजार मीट्रिक टन लीगेसी वेस्ट की बायो-रिमेडिएशन बाकी है, जिसे नगर निगम 30 नवंबर तक खत्म करने की योजना बना रहा है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की हालिया विजिट के बाद नगर निगम ने यह रिपोर्ट तैयार की है। मंगलवार को चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में होने वाली मीटिंग में यह रिपोर्ट पेश की जाएगी।


कचरे की सफाई में देरी क्यों?

नगर निगम ने डंपिंग ग्राउंड की बायोमाइनिंग का कार्य दिसंबर 2019 में शुरू किया था। पहले इस कचरे को 31 दिसंबर 2024 तक हटाने की योजना थी, लेकिन बाद में डेडलाइन 31 जुलाई कर दी गई। फिर इसे खारिज कर दिया गया, क्योंकि यह तारीख एनजीटी को नहीं दी गई थी। जुलाई में एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में चीफ इंजीनियर ने बताया कि कचरे को साफ करने के लिए 60 कार्य दिवस चाहिए। मॉनसून के चलते मशीनरी बंद रही, जिससे काम में देरी हुई।


113 करोड़ का खर्च, फिर भी बदबू से परेशानी

बायोमाइनिंग के लिए आकांक्षा इंटरप्राइजेज समेत दो पब्लिक सेक्टर कंपनियां काम कर रही हैं। अब तक इस प्रोजेक्ट पर 113 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। डंपिंग ग्राउंड का मुद्दा संसद तक पहुंच चुका है। बारिश के मौसम में कचरे की बदबू से माजरा और आसपास के लोग परेशान हैं। गीला कचरा कम्पोस्ट प्लांट में जा रहा है, जबकि सूखा कचरा प्रोसेसिंग प्लांट में पहुंच रहा है। कम्पोस्ट और लीचेट ट्रीटमेंट का रिकॉर्ड भी रखा जा रहा है।