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चंडीगढ़ टेनिस स्टेडियम में नया बदलाव, सीएलटीए का नियंत्रण समाप्त

चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में टेनिस स्टेडियम में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जहां यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने सीएलटीए से नियंत्रण ले लिया है। इस परिवर्तन के बावजूद खिलाड़ियों की ट्रेनिंग में कोई रुकावट नहीं आई है। जानें इस बदलाव के पीछे की कहानी और हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बारे में।
 

चंडीगढ़ टेनिस स्टेडियम में परिवर्तन

चंडीगढ़ टेनिस स्टेडियम, (चंडीगढ़): चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में 28 वर्षों के बाद एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने चंडीगढ़ लॉन टेनिस एसोसिएशन (सीएलटीए) से इस स्थान का नियंत्रण ले लिया है। सीएलटीए की लीज 10 सितंबर को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद उन्हें 7 दिनों के भीतर स्थान खाली करने का निर्देश दिया गया था।


सीएलटीए का सामान हटाने की प्रक्रिया

गुरुवार की सुबह 7:30 बजे से सीएलटीए के कोच सामान पैक करने में जुटे थे, तभी चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी वहां पहुंचे और सुबह 11 बजे तक मौजूद रहे। स्टेडियम का फर्नीचर, मिनी फ्रिज, बर्तन और अन्य उपकरण अभी भी वहां मौजूद हैं। सीएलटीए ने 1997 से 2017 तक 100 रुपये सालाना की लीज पर यह स्थान लिया था। इसके बाद 2017 से 2022 तक लीज 1.22 लाख रुपये और 2022 में 1.56 लाख रुपये सालाना पर नवीनीकरण किया गया था।


ट्रेनिंग में कोई बाधा नहीं

गुरुवार की शाम को सेक्टर-10 के टेनिस कोर्ट पर खिलाड़ियों की भीड़ पहले की तरह थी। पेरेंट्स ने कोचों से बातचीत कर स्थिति को समझा। यहां लगभग 300 रजिस्टर्ड खिलाड़ी हैं। किसी भी कोच या स्टाफ को हटाया नहीं गया है। जॉइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स डॉ. महिंदर सिंह ने बताया कि प्रशासन ने शांति से टेनिस स्टेडियम का कब्जा ले लिया है। जिन बच्चों ने फीस जमा की है, उनकी ट्रेनिंग बिना किसी रुकावट के जारी रहेगी। प्रशासन अब इस स्टेडियम की विकास पर ध्यान देगा और ट्रेनिंग को पहले से बेहतर बनाएगा।


हाईकोर्ट में सुनवाई की तारीख

सीएलटीए ट्रेनीज से संबंधित एक जनहित याचिका पर गुरुवार को वकीलों की हड़ताल के कारण हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित की है। कुछ पेरेंट्स ने याचिका दायर कर खिलाड़ियों की सुविधाओं पर चिंता व्यक्त की थी।


याचिका में कहा गया कि सेक्टर-10 में 15 टेनिस कोर्ट और 20 कोच हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने ई-मेल के माध्यम से सूचित किया कि टेनिस सुविधाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। मौजूदा ट्रेनीज को जमा फीस के प्रमाण दिखाने पर उसी अवधि तक खेलने की अनुमति मिलेगी। प्रशासन की ओर से कोई वकील न होने के कारण कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया।