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चंद्रशेखर आज़ाद ने मीडिया पर उठाए सवाल, करछना हिंसा पर दी प्रतिक्रिया

प्रयागराज के करछना क्षेत्र में हुई हिंसा के बाद आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने मीडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किसी को केवल नीला साफा पहनने से भीम आर्मी का समर्थक नहीं माना जा सकता। आज़ाद ने मीडिया के पूर्वाग्रह और निष्कर्ष पर सवाल उठाते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच की अपील की। जानें इस मामले की पूरी कहानी और आज़ाद के बयान के पीछे की सच्चाई।
 

चंद्रशेखर आज़ाद का मीडिया पर आरोप

प्रयागराज के करछना क्षेत्र में हाल ही में हुई हिंसा के संदर्भ में आज़ाद समाज पार्टी के नेता और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने मीडिया पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को केवल नीला साफा पहनने के आधार पर भीम आर्मी का समर्थक नहीं माना जा सकता।


आजाद ने मीडिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ पत्रकार बिना जांच के ही निष्कर्ष पर पहुँच जाते हैं। उन्होंने कहा, “आपने किस आधार पर यह तय किया कि वे मेरे कार्यकर्ता थे? वहां कोई भी उपद्रवी हो सकता है। मीडिया का यह रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”


उन्होंने यह भी कहा कि कमजोर और वंचित वर्गों को बिना जांच के ही दोषी ठहराना एक गलत प्रथा बन गई है, जो न्याय के खिलाफ है। “अगर कोई नीले झंडे या गमछे के साथ दिखता है, तो क्या इसका मतलब है कि जो भगवा पहने वो भाजपा का है?” उन्होंने सवाल उठाया।


सांसद ने पुलिस से अपील की कि उन्हें अपनी जांच निष्पक्ष रूप से करने दिया जाए। यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष कार्यकर्ताओं को परेशान करना गलत है। “मैं मौके पर नहीं था, और न ही आप थे, लेकिन आपने पहले ही मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया,” उन्होंने कहा।


उन्होंने बताया कि उन्होंने पुलिस से कहा है कि जो भी कानून तोड़े, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं, लेकिन आम समर्थकों को बेवजह न घसीटा जाए। “हम प्रशासन के साथ हैं, लेकिन न्याय की उम्मीद भी रखते हैं,” उन्होंने जोड़ा।


क्या है पूरा मामला? रविवार को सांसद चंद्रशेखर आज़ाद प्रयागराज पहुंचे थे, जहां वे एक दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस में रोक दिया। इसके विरोध में करछना क्षेत्र में उनके समर्थकों ने हंगामा किया। इस दौरान कई गाड़ियों में आगजनी की गई और टकराव में कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हो गए। पुलिस ने करछना थाने में 50 नामजद और 500 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।