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चक्रवाती तूफान का खतरा: ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी

बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान में बदल गया है, जो ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों से टकराने की तैयारी में है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के कारण इन राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। ओडिशा में हाई अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। जानें इस तूफान का प्रभाव किन-किन राज्यों पर पड़ेगा और सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
 

चक्रवाती तूफान की स्थिति

नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न कम दबाव का क्षेत्र अब एक चक्रवाती तूफान में बदल चुका है और यह तेजी से तट की ओर बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में जारी बुलेटिन में चेतावनी दी है कि यह तूफान आज, गुरुवार (2 अक्टूबर) की रात ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों से टकरा सकता है। इस दौरान हवाओं की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है।


मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान का प्रभाव केवल तटीय क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा। अगले 5 दिनों में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी से अत्यधिक बारिश हो सकती है। IMD ने इन राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।


तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा में उच्च अलर्ट घोषित किया गया है। राज्य के तटीय और दक्षिणी क्षेत्रों में बुधवार से ही भारी बारिश हो रही है। स्थिति को संभालने के लिए राज्य सरकार ने संवेदनशील जिलों में बचाव दल और आवश्यक मशीनरी पहले से तैनात कर दी है। मौसम विभाग ने राज्य के सभी 30 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।


आईएमडी के अनुसार, तूफान गोपालपुर और पारादीप के बीच ओडिशा-आंध्र तट को पार करने की संभावना है। खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को 3 अक्टूबर तक ओडिशा तट के पास समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी है। इसके अलावा, राज्य के सभी बंदरगाहों पर 'स्थानीय चेतावनी संकेत संख्या-तीन' (LC-3) लगाने का सुझाव दिया गया है।


मौसम विभाग ने बताया कि तूफान 3 अक्टूबर तक कमजोर पड़ जाएगा, जिसके बाद हवा की गति 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे रह जाएगी। हालांकि, इसका प्रभाव आने वाले कुछ दिनों तक बना रह सकता है।