चार्ली किर्क की हत्या: भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर उनके विवादास्पद बयान
चार्ली किर्क, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी सहयोगी थे, की हाल ही में हत्या कर दी गई। उनके पुराने बयान, जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव पर चर्चा की थी, अब फिर से सुर्खियों में हैं। किर्क ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया और भारत के प्रति समर्थन की सीमाओं को स्पष्ट किया। जानें कि उन्होंने इस संघर्ष को अमेरिका का मामला क्यों नहीं माना और क्या कहा था।
Sep 12, 2025, 12:22 IST
चार्ली किर्क की हत्या और उनके बयान
पॉडकास्टर और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी सहयोगी चार्ली किर्क की यूटा कॉलेज में एक कार्यक्रम के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद, उनके पुराने बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। किर्क ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव पर टिप्पणी की थी। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारत के जवाबी हमलों का जिक्र किया था। उनके पॉडकास्ट का शीर्षक 'भारत में क्या हो रहा है' था, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देश युद्ध के कगार पर हैं।
किर्क ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाते हुए उसे एक धूर्त अभिनेता करार दिया। उन्होंने भारत को एक बड़े हिंदू बहुल राष्ट्र के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि इस हमले से वह गुस्से में हैं। उन्होंने पाकिस्तान में नौ स्थानों पर एयरस्ट्राइक का उल्लेख करते हुए दावा किया कि कई लोग मारे गए और दोनों पक्षों के विमानों को नुकसान पहुंचा। किर्क ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, लेकिन पारस्परिक रूप से सुनिश्चित विनाश (एमएडी) के सिद्धांत के कारण परमाणु हमले की संभावना कम है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के पास पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
किर्क ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष अमेरिका का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम भारत का थोड़ा समर्थन कर सकते हैं क्योंकि वे इस्लामी आतंकवाद का सामना कर रहे हैं, लेकिन यह नैतिक समर्थन से अधिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने वाशिंगटन में सैन्य हस्तक्षेप की मांग करने वालों के खिलाफ चेतावनी दी और जॉन बोल्टन तथा लिंडसे ग्राहम जैसे आक्रामक नेताओं का नाम लिया, यह कहते हुए कि यह हमारी लड़ाई नहीं है और न ही हमारा क्षेत्र है।