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चिकित्सकों ने जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम के खिलाफ ज्ञापन सौंपा

हरियाणा के चिकित्सकों ने जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। एचीसएमएस के सदस्यों ने इस सिस्टम को नकारते हुए कहा कि यह उनकी स्वायत्तता को प्रभावित करेगा। जानें इस मुद्दे पर चिकित्सकों की क्या राय है और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया क्या रही।
 

जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम पर विरोध


(Jind News) जींद। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (एचीसएमएस) के नेतृत्व में चिकित्सकों ने जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम के खिलाफ प्रदेश स्तर पर ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन डीजी स्वास्थ्य, एनएचएम के एमडी और जिला स्तर पर सीएमओ डॉ. सुमन कोहली को दिया गया।


ज्ञापन सौंपने से पहले एसोसिएशन के सदस्यों ने एक बैठक की, जिसमें उन्होंने अपने विचार साझा किए। विशेष रूप से महिला चिकित्सकों ने इस सिस्टम के तहत अपनी सुरक्षा को लेकर चिंताएं व्यक्त की। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि ज्ञापन उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। इस अवसर पर एचीसएमएस के अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र ढांडा, डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला, सर्जन डॉ. कर्मबीर और डिप्टी सीएमओ डॉ. संदीप लोहान उपस्थित थे.


जियोफेंसिंग सिस्टम की कार्यप्रणाली

एचीसएमएस के अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र ढांडा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम को लागू किया जा रहा है। यह सिस्टम सैटेलाइट पर आधारित है, जिसमें किसी क्षेत्र के लिए जियोफेंसिंग बनाई जाती है। यह एक बाउंड्री की तरह कार्य करती है।


इस बाउंड्री के भीतर मौजूद सभी डिवाइस का रिकॉर्ड रखा जाएगा। चिकित्सकों को अस्पताल में हाजिरी लगाने के लिए इस परिधि में आना होगा। यह मोबाइल ऐप उनके मोबाइल में डाउनलोड किया जाएगा। जैसे ही वे इस दायरे में आएंगे, उनकी हाजिरी मार्क करने के लिए ऐप सक्रिय हो जाएगा। यह प्रक्रिया उचित नहीं है, क्योंकि सभी चिकित्सक पहले से ही बायोमेट्रिक सिस्टम से अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।


सुरक्षा पर सवाल

डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने कहा कि यह एप जीपीएस आधारित है और इसे हर चिकित्सक के मोबाइल में डाउनलोड किया जाएगा। ऐसे में कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से लोकेशन का उपयोग कर सकता है। विशेष रूप से महिला चिकित्सकों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि ड्यूटी के बाद उनकी लोकेशन साझा की जा सकती है, जिससे उन्हें खतरा हो सकता है।


इसलिए सभी चिकित्सकों ने जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम का विरोध किया है। डॉ. भोला ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया है, जिससे चिकित्सक अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। ऐसे में जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम की कोई आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए।