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चीन का ट्रंप के टैरिफ पर कड़ा जवाब: शांति वार्ता की आवश्यकता पर जोर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर नए टैरिफ लगाने की चेतावनी के बाद, चीन ने स्पष्ट किया है कि वह युद्ध में शामिल नहीं होना चाहता। विदेश मंत्री वांग यी ने संवाद और शांति वार्ता को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यूरोप के साथ सहयोग की बात की और कहा कि सभी देशों को शांति को प्राथमिकता देनी चाहिए। ट्रंप के हालिया बयानों के संदर्भ में, चीन ने अपने रुख को स्पष्ट किया है। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पूरी जानकारी।
 

चीन की प्रतिक्रिया

चीन पर ट्रंप का टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 50 से 100 प्रतिशत तक नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, जिसके बाद बीजिंग ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी प्रकार के युद्ध में शामिल नहीं होना चाहता और न ही ऐसा करने की योजना बना रहा है। उनका हमेशा से उद्देश्य संवाद और शांति वार्ता को बढ़ावा देना रहा है।


चीन के विदेश मंत्री का बयान

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को स्लोवेनिया की राजधानी ल्यूब्लियाना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि बढ़ते प्रतिबंध स्थिति को और जटिल बना देंगे। वांग ने यूरोप को सहयोगी बताते हुए कहा कि चीन और यूरोप को प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि मित्र बनना चाहिए।


शांति और सहयोग की आवश्यकता

'चीन ना तो युद्ध करता है और ना ही...'

वांग यी ने मीडिया से कहा कि चीन का उद्देश्य शांति वार्ता को प्रोत्साहित करना और राजनीतिक समाधान के लिए संवाद करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति अव्यवस्था और संघर्षों से भरी हुई है, इसलिए सभी देशों को शांति और सहयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए।


यूरोप के साथ साझेदारी

यूरोप से साझेदारी पर जोर

स्लोवेनिया की डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री तान्या फयोन से मुलाकात के बाद वांग ने कहा कि चीन और यूरोप को वैश्विक संकट के समय एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें टकराव के बजाय सहयोग का रास्ता अपनाना चाहिए, जो हमारी जिम्मेदारी है। चीनी विदेश मंत्री ने बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों की रक्षा करने की अपील की।


ट्रंप का हालिया बयान

ट्रंप का हालिया बयान

हाल ही में, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि जब तक यूक्रेन युद्ध समाप्त नहीं होता, तब तक रूस से तेल खरीदने वाले चीन पर 50 से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो देशों का युद्ध जीतने का संकल्प “100% से कहीं कम” है और रूस से तेल खरीदना उनकी “बातचीत की स्थिति को कमजोर” करता है। ट्रंप ने पिछले महीने भारत पर भी रूस से तेल आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन चीन, तुर्की, हंगरी और स्लोवाकिया पर अभी तक ऐसे शुल्क नहीं लगाए हैं.