चीन की नई जैविक साजिश: अमेरिका में फंगस की तस्करी का मामला
चीन की संभावित जैविक खतरा
क्या चीन एक बार फिर से नई बीमारी फैलाने की योजना बना रहा है? अमेरिका से आई एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम नामक एक फंगस मिला है। यह फंगस बायो वेपन के रूप में चीन की प्रयोगशाला से अमेरिका लाया गया था। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह फंगस फसलों को नष्ट करने के साथ-साथ इंसानों और जानवरों को भी बीमार कर सकता है। इसलिए, इसे कृषि आतंकवाद का हथियार माना गया है, जो जौ, गेहूं, धान और मक्का जैसी फसलों को प्रभावित करता है।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने इस मामले पर एक विस्तृत पोस्ट साझा किया है। उन्होंने पुष्टि की कि एफबीआई ने अमेरिका में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर एक खतरनाक जैविक रोगज़नक़ फंगस की तस्करी की थी। युनकिंग जियान नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम की तस्करी की है, जो हेड ब्लाइट नामक बीमारी का कारण बन सकता है। यह बीमारी गेहूं, जौ, मक्का और चावल को बर्बाद करने के साथ-साथ मानव और पशु स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालती है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का संबंध
साक्ष्यों से पता चलता है कि जियान ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाई थी और इसी फंगस पर काम करने के लिए चीनी सरकार से धन प्राप्त किया था। जियान के साथी जुनयोंग लियू पर भी आरोप लगाया गया है। लियू एक चीनी विश्वविद्यालय में काम करता है और इसी फंगस पर शोध करता था। उन पर आरोप है कि उन्होंने डेट्रॉयट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के माध्यम से फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम की तस्करी की थी।
कृषि आतंकवाद की परिभाषा
कृषि आतंकवाद का मतलब है जैविक एजेंटों का उपयोग करके फसलों को नष्ट करना। काश पटेल ने कहा कि दोनों व्यक्तियों पर षड्यंत्र, अमेरिका में माल की तस्करी, झूठे बयान और वीज़ा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिकी संस्थाओं में घुसपैठ करने और खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को तैनात कर रही है, जिससे अमेरिकी जीवन और अर्थव्यवस्था को गंभीर खतरा हो सकता है।