चीन की पैंगोंग झील के पास HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती: क्या है इसका मतलब?
चीन की सैन्य गतिविधियों में वृद्धि
पूर्वी लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्र में चीन ने अपनी सैन्य उपस्थिति को फिर से बढ़ा दिया है। हाल की सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हुआ है कि चीन ने पैंगोंग झील के निकट अपने उन्नत HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया है। यह कदम भारत और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा सकता है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम को गंभीरता से ले रही हैं और क्षेत्र में निरंतर निगरानी रखी जा रही है.
HQ-16 की विशेषताएँ
HQ-16 एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे चीन ने रूसी BUK सिस्टम की तकनीक पर विकसित किया है। इसकी मारक क्षमता 40 से 70 किलोमीटर के बीच होती है, जो इसके विभिन्न वेरिएंट पर निर्भर करती है। यह प्रणाली हवाई लक्ष्यों जैसे लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन और कुछ गाइडेड हथियारों को सटीकता से निशाना बना सकती है.
सैटेलाइट इमेज में क्या दिखा?
सैटेलाइट इमेज में HQ-16 के TEL (Transporter Erector Launcher) वाहन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। यह प्रणाली पूरी तरह से मोबाइल है और इसे तेजी से तैनात या पुनः तैनात किया जा सकता है। प्रत्येक TEL पर चार मिसाइलें लोड की जा सकती हैं। यह प्रणाली एक अत्याधुनिक 3D रडार से जुड़ी होती है, जो लक्ष्यों की पहचान, ट्रैकिंग और निर्देशित करने में सक्षम है.
जैमिंग को मात देने की क्षमता
HQ-16 में ECCM (Electronic Counter-Countermeasures) क्षमताएँ भी शामिल हैं, जो इसे दुश्मन के रेडियो जैमिंग प्रयासों के खिलाफ प्रभावी बनाती हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से दुश्मन की निगरानी और गाइडेंस सिस्टम को भ्रमित किए बिना कार्य कर सकता है। इस कारण, यह प्रणाली आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के माहौल में भी प्रभावी बनी रहती है.
रणनीतिक संतुलन पर प्रभाव
पैंगोंग झील के निकट HQ-16 की तैनाती को चीन की एक रणनीतिक चाल माना जा रहा है। यह न केवल क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को प्रभावित कर सकता है, बल्कि भारत पर रणनीतिक दबाव बनाने का प्रयास भी हो सकता है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस गतिविधि को गंभीरता से ले रही हैं और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
भारत की संभावित प्रतिक्रिया
हालांकि भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत भी LAC पर अपनी एयर डिफेंस और निगरानी क्षमताओं को और मजबूत करेगा। भारत पहले से ही इस क्षेत्र में स्वदेशी और विदेशी एयर डिफेंस सिस्टम जैसे आकाश और S-400 की तैनाती कर चुका है.