चीन की भव्य परेड: अमेरिका को स्पष्ट संदेश
शी जिनपिंग का संदेश
चीन की भव्य मिलिट्री परेड: दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे होने के अवसर पर, चीन ने 'विक्ट्री डे' को एक शानदार सैन्य परेड के साथ मनाया। यह परेड बीजिंग के तियानमेन चौक पर आयोजित की गई, जहां चीन ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया और अमेरिका को स्पष्ट संकेत दिया।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों से यह स्पष्ट था कि वे पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका की नीतियों से असंतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, 'दुनिया को फिर से जंगल राज में नहीं लौटना चाहिए, जहां बड़े देश छोटे देशों को धमकाते थे। हमें शांति और सहयोग का मार्ग अपनाना चाहिए।'
जिनपिंग का संकेत
उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि हम सभी एक ही धरती पर रहते हैं, हमें एक साथ रहना चाहिए। चीन अब एक नई वैश्विक व्यवस्था की ओर अग्रसर है, जो गैर-पश्चिमी नेतृत्व में होगी, जहां अमेरिका का वर्चस्व नहीं चलेगा। जिनपिंग ने इस परेड को 'चीन के पुनर्जागरण' का प्रतीक बताया और कहा कि दुनिया को अब शांति बनाम युद्ध और सहयोग बनाम टकराव के बीच सही विकल्प चुनना होगा।
परेड में शामिल नेता
इस परेड में 26 देशों के नेताओं ने भाग लिया, जो चीन की कूटनीतिक रणनीति का संकेत है।
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
- उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन विशेष ट्रेन से आए
- ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान
- पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ
- म्यांमार, उज्बेकिस्तान, बेलारूस, स्लोवाकिया, सर्बिया समेत कई एशियाई और यूरोपीय देशों के नेता भी उपस्थित रहे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह परेड केवल शक्ति का प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि अमेरिका और पश्चिम के खिलाफ एकजुटता का स्पष्ट संकेत भी था। चीन का संदेश था कि वे किसी की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। 'चीन शांति का पक्षधर है, लेकिन अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। यदि अमेरिका टैरिफ और व्यापार युद्ध की राह अपनाता है, तो चीन अकेला नहीं है, हमारे साथ पूरी 'नई दुनिया' खड़ी है।'