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चीन की भव्य मिलिट्री परेड: शी जिनपिंग का अमेरिका को स्पष्ट संदेश

चीन ने बीजिंग में एक भव्य मिलिट्री परेड का आयोजन किया, जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश दिया। इस परेड का उद्देश्य चीन की सैन्य शक्ति और वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करना था। जिनपिंग ने शांति और सहयोग पर जोर दिया, साथ ही नई वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता की बात की। इस अवसर पर कई विदेशी नेता भी शामिल हुए, जो चीन की बढ़ती ताकत को दर्शाते हैं। जानें इस परेड के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
 

चीन की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

चीन के राष्ट्रपति का संदेश: दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर, बीजिंग में तीन सितंबर को एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया। यह दिन चीन में हर साल 'विक्ट्री डे' के रूप में मनाया जाता है। इस परेड के दौरान, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानमेन चौक पर उपस्थित सैनिकों को सलामी दी और अमेरिका को एक अप्रत्यक्ष संदेश भी दिया।


शी जिनपिंग का शांति का संदेश

राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम लिए बिना यह स्पष्ट किया कि चीन किसी भी प्रकार की धमकियों से प्रभावित नहीं होगा और अपने विकास और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी देशों को एक साथ मिलकर शांति से रहना चाहिए और दुनिया को युद्ध जैसी त्रासदियों से बचाने के लिए एक-दूसरे का ध्यान रखना चाहिए।


नई वैश्विक व्यवस्था की वकालत

शी जिनपिंग ने इस परेड को चीन के पुनर्जनन का प्रतीक बताया और गैर-पश्चिमी देशों के नेतृत्व में एक नई वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर कायम रहेगा और अन्य देशों के सहयोग की आवश्यकता है।


विदेशी नेताओं की उपस्थिति

इस भव्य परेड में 26 विदेशी नेता शामिल हुए, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन शामिल थे। किम जोंग उन विशेष ट्रेन से चीन पहुंचे और इस परेड में भाग लिया। यह परेड अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ चीन की एकजुटता और बढ़ती सैन्य शक्ति का प्रदर्शन मानी जा रही है।