चीन ने ट्रंप की टैरिफ धमकी पर दी कड़ी प्रतिक्रिया, ब्रिक्स बैठक में बढ़ा तनाव
चीन की तीखी प्रतिक्रिया
चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दी गई 10% टैरिफ की धमकी का विरोध करते हुए सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजिंग ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अन्य देशों पर दबाव बनाने के लिए टैरिफ का उपयोग करना अस्वीकार्य है और इससे किसी को भी लाभ नहीं होता। चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की चेतावनी को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका अपनी 'दबाव की कूटनीति' के माध्यम से वैश्विक सहयोग को नुकसान पहुंचा रहा है। यह बयान उस समय आया है जब ब्रिक्स समूह की 17वीं शिखर बैठक ब्राजील में 6-7 जुलाई को हो रही है।
ब्रिक्स देशों को ट्रंप की चेतावनी
रविवार की रात, ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा कि ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। ट्रंप का यह बयान तब आया जब ब्रिक्स नेताओं ने अपनी बैठक में टैरिफ बढ़ोतरी की निंदा की, हालांकि उन्होंने ट्रंप का नाम नहीं लिया। ब्रिक्स समूह को 'एंटी-अमेरिकन' नीति अपनाने वाला बताया गया और उसके साथ जुड़ने वाले देशों को ट्रंप ने आर्थिक दंड देने की चेतावनी दी।
चीन की कड़ी प्रतिक्रिया
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि टैरिफ का उपयोग दबाव डालने के औजार के रूप में किया जा रहा है, जबकि इससे किसी को भी कोई लाभ नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को ऐसी नीतियों से बचना चाहिए जो वैश्विक व्यापार और सहयोग को कमजोर करती हैं।
ब्रिक्स समूह का विस्तार
ब्रिक्स, जो पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह था, अब इसमें 2024 में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हो चुके हैं। 2025 में इंडोनेशिया के शामिल होने से यह समूह और मजबूत होगा। यह विस्तार अमेरिका के लिए लगातार असहजता का कारण बनता रहा है।
टैरिफ लेटर का वितरण
ट्रंप ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों के लिए अमेरिका के टैरिफ पत्र, सोमवार, 7 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे (पूर्वी) से वितरित किए जाएंगे। यह पोस्ट वैश्विक मंच पर अमेरिका की सख्त व्यापार नीति का संकेत देती है।